बाजार में बिक रहा मिलावटी खाद्य पदार्थ विभाग मौन…
1 min readपुरे संभाग में केवल एक फुड सेफ्टी आफिसर ….
CE AMIR KHAN
सूरजपुर – होली त्योहार के मद्देनजर मिलावटखोरी करने वाले इन दिनों पैसौं के बदले तरह-तरह के बिमारी परोस रहे हैं और यह खाद्य विभाग के रहमोकरम चल रहा है यह सब खाद्य विभाग के अधिकारियों के मिलीभगत से सूरजपुर जिले में बिना रोकटोक के धड़ल्ले से चल रहा है होली के पर्व पर खोया, देशी घी, दूध, पनीर और सरसो के सकते हैं। तेल की खपत अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुना बढ़ जाती है। खाद्य सामग्री की अधिक खपत देख मिलावट खोर भी बनावटी और मिलावटी सामान बाजार में बेच कर मोटी कमाई केलिए तैयार हो गए हैं।
जानकार बताते हैं कि होली के त्योहार के दौरान बाजार में बनावटी एवं मिलावटी खोया आना शुरू हो गया है। प्रतिबंधित सिंथेटिक कलर मिलाकर इसे सरसो के तेल का रंग दिया जाता है। स्टार्च, अरारोट और सिंथेटिक दूध की मिलावट कर पनीर तैयार किया जाता है। इसे देखकर आप कतई अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि यह मिलावटी हैं। दुकानों में मिठाइयों पर चांदी वर्क के नाम पर एल्यूमिनियम वर्क का इस्तेमाल करते हैं।
बाजार में तरह तरह के चिप्स, पापड़ मिक्चर आदिविकरही हैं। इन्हें मानकों से कई गुना अधिक कलर मिलाकर बेचा रहा है। यह रंग उस स्तर पर हैं, जो आपकी सेहत बिगाड़ खाद्य विभाग द्वारा मिलावट खोरों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं किये जाने के कारण है, यही कारण मिलावट खोरों पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। विभाग तब कार्रवाई करता है जब हल्ला मचता है।
खाद्य विभाग की सेटिंग के कारण मिलावट खोरों पर कोई भी असर नहीं पड़ता। कई बड़े प्रतिष्ठित दुकानदारों को मिलावटी खोवा की जानकारी होने इस तरह की मिठाई में उपयोग करते हैं। हट-बाजारों में फुटकर मिठाई की दुकानें लगाने वालों को सस्ती सामग्री बेचने के लिए मिलावटी खोवा का उपयोग करना पड़ता है। ग्राहकों में जागरूकता का अभाव व जांच अमला की मिलीभगत के चलते बाजार में बदस्तूर मिलावटी सामान की बिक्री हो रही है। हानिकारक रसायन युक्तमिठाइयों की भी दुकानों पर भरमार है।
इस विषय में जब हमने जिले के फुड सेफ्टी आफिसर नितेश मिश्रा से पुछा तो उन्होंने बताया कि पुरे संभाग में उनकी ही जिम्मेदारी है जिससे वो कभी बलरामपुर तो कभी अंबिकापुर तो कभी सूरजपुर में वही निरक्षण करने जाते हैं मतलब पुरे संभाग की जिम्मेदारी उनके ही मत्थे है जिससे वो हर जगह मौजूद नहीं रह सकते और उनका निवास बलरामपुर में है… नितेश मिश्रा ने बताया कि वो अभी सात प्रतिष्ठानों का निरक्षण किया है और सैंपल भी लिया परंतु जब हमने उन प्रतिष्ठानों का नाम पुछा तो वो प्रतिष्ठानों का नाम बताने असमर्थता जताया.. अब आप समझ सकते हैं कि खाद्य विभाग की सेंटीग कितना जबरदस्त है।
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