जिला पंचायत चुनाव 2025: सियासी रण में किसकी हुई जय-जयकार, कौन हुआ चारों खाने चित?
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सूरजपुर । जिला पंचायत चुनाव 2025 के नतीजे आते ही पूरे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई। यह चुनाव सिर्फ़ वोटों की गिनती नहीं थी, बल्कि नेताओं की असली परीक्षा थी। जनता ने अपने मत से यह तय कर दिया कि किसे सत्ता मिलेगी और किसे विपक्ष में बैठना पड़ेगा। कुछ प्रत्याशी भारी मतों से जीते, तो कुछ को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
सबसे बड़ी जीत:
इस चुनाव में नयन विजय सिरदार ने शानदार जीत दर्ज की। उन्हें 10,277 वोट मिले और उन्होंने अपने विरोधियों को कड़ी मात दी। उनके समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिला। दूसरी ओर, सीमा सिंह टेकाम सिर्फ़ 112 वोटों से हार गईं। यह हार उनके लिए किसी झटके से कम नहीं थी।
सूत्र के अनुसार :- नयन विजय सिरदार की जीत और सीमा सिंह टेकाम की पराजय केवल मतगणना का परिणाम नहीं, बल्कि सत्ता के शतरंज पर चली गई एक गूढ़ चाल भी हो सकती है। सीमा सिंह के खेमे में यह सुगबुगाहट है कि यह पराजय नहीं, बल्कि एक सुनियोजित शिकस्त है। “क्या यह जनादेश का स्वर है, या किसी अदृश्य शक्ति का प्रपंच?” – यही सवाल सियासी गलियारों में गूंज रहा है। मतों का गणित जितना सरल दिखता है, उतना ही रहस्यमय भी है।राजनीति में “विजय का लेख्य” और “पराजय की इबारत” अक्सर वही होती है, जिसे लिखने वाला अदृश्य होता है। इस हार के पीछे कोई शतरंज की बिसात बिछी थी या यह मात्र एक लोकतांत्रिक पराजय थी, इसका खुलासा समय ही करेगा। लेकिन इतना तो तय है कि सत्ता के इस संघर्ष ने राजनीतिक समीकरणों को हिलाकर रख दिया है। क्या यह मात्र एक इत्तेफ़ाक़ है या फिर एक सोची-समझी चाल? यह प्रश्न हवा में है, जवाब समय देगा!
भुवंती सिंह (8,757 वोट) भी चुनावी मैदान में मजबूत दावेदार थीं, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिल पाई। वहीं, संगीत्री सिंह नेताम (3,158 वोट), सुधांती सिरदार (1,778 वोट) और तिलेश्वरी आयम (3,201 वोट) भी इस चुनाव में पीछे रह गए। कुल 37,336 वोट पड़े, जिससे साफ़ हो गया कि जनता ने पूरे जोश के साथ मतदान किया।
महिलाओं की जबरदस्त जीत: हेमलता राजवाड़े बनीं सबसे बड़ी नेता!
इस बार महिलाओं ने भी जबरदस्त प्रदर्शन किया। हेमलता राजवाड़े ने 10,245 वोट के साथ सबसे बड़ी जीत दर्ज की। यह जीत महिलाओं के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव को दिखाती है। मंजू ललित साहू (8,120 वोट) भी मजबूत उम्मीदवार रहीं।
प्रमीला विजय कुमार साहू (4,047 वोट) और स्वाती हिमालय पनिका (4,060 वोट) ने भी अच्छी टक्कर दी। कुल 26,472 वोट पड़े, जिससे यह साफ़ हुआ कि इस चुनाव में महिलाओं ने बड़ी भूमिका निभाई।
सबसे चौंकाने वाला नतीजा: रेखा राजलाल राजवाड़े की ऐतिहासिक जीत!
अगर इस चुनाव में किसी ने सबसे बड़ा उलटफेर किया, तो वह हैं रेखा राजलाल राजवाड़े। उन्होंने 10,748 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की और अपने विरोधियों को पीछे छोड़ दिया। यह जीत इसलिए भी खास है, क्योंकि उनके मुकाबले कई बड़े नाम थे।
बिमली साहू (5,767 वोट) को हार का सामना करना पड़ा, जबकि उषा सिंह (6,548 वोट), निशा गुप्ता (416 वोट), प्रिया साहू (1,115 वोट) और सीमा मानिकपुरी (1,079 वोट) के लिए यह चुनाव उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
अब आगे क्या? राजनीति में नई हलचल!
इस चुनाव के नतीजों ने कई नेताओं की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह जीत लंबे समय तक टिकेगी या अगली बार समीकरण बदल जाएंगे? क्या हारने वाले नेता फिर से जनता का विश्वास जीत पाएंगे?
एक बात तो तय है—इस चुनाव ने दिखा दिया है कि जनता अब सिर्फ़ वादों पर नहीं, बल्कि काम पर वोट देती है। जो जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेगा, वही राजनीति में टिक पाएगा!