100 फीट ऊंचाई पेड़ की टहनी पर बैठा ‘मानसिक रूप से बीमार ग्रामीण, प्रशासन की सांस अटकी!
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सूरजपुर/प्रेमनगर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले से इस वक्त की सबसे सनसनीखेज़ खबर सामने आई है। प्रेमनगर के बरईहाडांड़ इलाके में एक मानसिक रूप से विछिप्त ग्रामीण दो दिन से 100 फीट ऊंचे पेड़ की सबसे पतली टहनी पर बैठा है, और नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहा! न खाना, न पानी – ज़िंदगी और मौत के बीच लटका ये ग्रामीण अब पूरे प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुका है।
दो दिन से आसमान पर कब्ज़ा! नीचे रेस्क्यू टीम, ऊपर मानसिक रूप से बीमार –
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, युवक न सिर्फ टहनी पर टिका है बल्कि बार-बार अपनी हरकतों से खुद की जान जोखिम में डाल रहा है। नीचे खड़ी रेस्क्यू टीम की हालत भी खराब हो गई है – कोई नहीं समझ पा रहा कि इसे कैसे उतारा जाए।
डीडीआरएफ की टीम मौके पर है, लेकिन पेड़ की ऊंचाई और ग्रामीण के मूवमेंट से रेस्क्यू ऑपरेशन भी परेशान हो रहा है। हवा का दबाव, ऊपर बैठा अनकंट्रोल इंसान और नीचे खड़ी बेबस टीम – पूरा नज़ारा किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लग रहा।
प्रशासन की पोल खुली – दो दिन से तमाशा देख रही सरकार!
स्थानीय ग्रामीण फट पड़े हैं – उनका कहना है कि दो दिन से ग्रामीण पेड़ पर बैठा है लेकिन प्रशासन ने पहले तो ध्यान ही नहीं दिया। अब जब मामला तूल पकड़ने लगा तो दिखावे के लिए रेस्क्यू टीम बुलाई गई है।
“अगर गिर गया तो किसकी ज़िम्मेदारी?” – जनता पूछ रही सवाल
गांववालों का कहना है कि अब अगर युवक पेड़ से गिरा तो उसकी मौत का जिम्मेदार कौन होगा? क्या प्रशासन मुआवज़ा देकर अपने कर्तव्य से मुक्त हो जाएगा? ये महज़ एक ‘मानसिक रूप से बीमार’ की जान नहीं, बल्कि सिस्टम के काम करने के तरीके पर करारा तमाचा है।
अब देखना ये है कि प्रशासन की ये ‘ऊंची’ परीक्षा कैसे पास होती है!