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28th June 2025

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सूरजपुर में जंगलराज: वन माफियाओं की खुली लूट, हुकूमत खामोश!

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सूरजपुर (छत्तीसगढ़): सरगुजा संभाग का सूरजपुर जिला इन दिनों वनों की लूट का गवाह बन चुका है। हरे-भरे जंगलों पर मशीन चल रही है, मगर हुकूमत की आँखें बंद हैं। वन माफिया यूकेलिप्टस की आड़ में सेमर और अन्य बेशकीमती दरख्तों (पेड़ों) की कटाई कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह पूरा खेल सरकारी मशीनरी की नाक के नीचे जारी है और जिम्मेदार अफसरान खामोश तमाशबीन बने बैठे हैं। यह खामोशी महज़ लापरवाही है या कोई साज़िश? सवाल बड़ा है, जवाब नदारद।

वन माफिया बेखौफ, अफसरान बेबस या हिस्सेदार?

शिवसेना छत्तीसगढ़ (उद्धव बाला साहेब) के प्रदेश प्रमुख डॉ. आनंद सिंह मल्होत्रा और जिलाध्यक्ष विष्णु वैष्णव ने सूरजपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए इस गोरखधंधे की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ़ अवैध कटाई नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह की करतूत है, जिसमें रसूखदार लोगों की सरपरस्ती भी हो सकती है। उन्होंने साफ़ लफ्ज़ों में चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो शिवसेना सड़कों पर उतरकर आर-पार की लड़ाई लड़ने से गुरेज़ नहीं करेगी।

ट्रकों में लदी तस्करी की लकड़ियां और खस्ताहाल वाहन

सूत्रों के मुताबिक, इन तस्करों द्वारा जिन वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनकी हालत भी सवालों के घेरे में है। न फिटनेस सर्टिफिकेट, न इंश्योरेंस, न प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र, मगर फिर भी ये खटारा गाड़ियां बेधड़क दौड़ रही हैं। यह सिर्फ़ जंगलों की लूट नहीं, बल्कि सड़क हादसों को दावत देने जैसा है। मगर सवाल वही – हुकूमत खामोश क्यूं?

बंद कमरे में मीटिंग, मगर क्या हकीकत में कोई बड़ा फैसला होगा?

सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, सूरजपुर जिला प्रशासन आज इस मामले को लेकर एक ख़ुफ़िया मीटिंग करने जा रहा है, जिसमें कुछ चुनिंदा विभागों के अफसर बुलाए गए हैं। मगर सवाल यह है कि क्या यह महज़ एक औपचारिक बैठक होगी, या फिर वाकई कोई ठोस कार्रवाई होगी?

कार्रवाई की रस्मअदायगी या वन माफियाओं पर शिकंजा?

चंद रोज़ पहले प्रशासन ने वन तस्करी से जुड़े एक ट्रैक्टर को जब्त कर कार्रवाई का ढोंग रचा था, मगर हकीकत यह है कि इस तरह की गाड़ियां सिर्फ़ कागजों में ज़ब्त होती हैं और जुर्माने के नाम पर मामूली रकम लेकर छोड़ दी जाती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इन दबंग लकड़ी माफियाओं के आगे घुटने टेक चुका है या फिर कोई बड़ी कार्रवाई की योजना बना रहा है?

शिवसेना की दो-टूक: अब सड़क पर होगा फैसला!

शिवसेना सूरजपुर इकाई ने साफ़ लहजे में कह दिया है कि अगर वन तस्करों के खिलाफ जल्द सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ज़रूरत पड़ी तो यह मामला विधानसभा तक भी ले जाया जाएगा। शिवसेना ने प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर जंगल बचाने के लिए संघर्ष करना पड़े, तो वे पीछे नहीं हटेंगे।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार वाकई कोई ठोस कदम उठाती है, या फिर हमेशा की तरह यह मामला भी कुछ समय बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

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