किसानों की परेशानी नहीं हो रही दूर,, हाथी से नुकसान हुए फसलों का वर्षों से मुआवजा के इंतेजार में किसान…
1 min readसूरजपुर 18 अगस्त 2023
सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में दर्जनों गांव के किसान हाथी से नुकसान हुए फसलों के मुआवजा राशि के लिए वन विभाग की ओर निगाहे टिकाए बैठे है,, जहाँ वर्षों से लंबित मुआवजा राशि के अभाव में किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं,, वहीँ वन विभाग की उदासीनता बरकरार है।
वर्षो से नुकसान हुए फसलों का नहीँ मिल रहा मुआवजा,,
जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के धरमपुर , बंशीपुर, कोरोंधा, बगड़ा समेत कई गांवों में हाथी आए दिन दस्तक देते है और फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है,, ऐसे में सैकड़ो एकड़ में फसलों को हांथीयों द्वारा नुकसान पहुंचाया गया,, जहां 50 से ज्यादा किसानों के फसलों को हुए नुकसान की मुआवजा राशि एक एक साल से नहीँ मिला है ,, और किसान एक ओर हाथी के दहशत से परेशान है तो दूसरी ओर आर्थिक तंगी से जूझ रहे है।
दो दशक से प्रतापपुर वन परिक्षेत्र हांथीयों का बन चुका है रहवास इलाका,,
बीते दो दशकों से हाथी प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में अपना डेरा जमाए हुए है ,, ऐसे में जंगलों से सटे गांवों में आए दिन जान माल का नुकसान पहुचाते रहते है,, ऐसे में वन अमला भी हांथीयों पर निगरानी रखने में नाकाम नजर आते है,, तो वही मुआवजा प्रकरण सही तरीके से नहीँ बनाने के आरोप लग रहे है,, ऐसे में मुआवजा वितरण नहीँ होने से किसान भी आक्रोशित नजर आ रहे है।
वन अमले की दलील,,
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के डिप्टी रेंजर कुलदीप सोनपाकर ने बताया कि ग्रामीण सही जानकारी नही दे पाते जिसके कारण सही समय पर नुकसान हुए फसलों का सही समय पर मुआवजा नहीँ मिल पाया है,,गौरतलब है की वन अमले की सजगता के अभाव में महज पांच दिन पहले प्रतापपुर वन परिक्षेत्र स्थित कोयला खदान में एक हाथी घुस आया था जिसके कारण पूरे दिन कर्मचारियों में दहशत बना हुआ था और कोयला उत्पादन नहीँ हुआ जिससे सरकार को करोड़ो का नुकसान पंहुचा था,, ऐसे में वन विभाग के दावे केवल दस्तावेजों तक ही सीमित है ,,धरातल पर नजर नही आता।