Categories

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

31st January 2025

khaskhabarsurajpur.com

har khabar sab se phale

अस्पताल और रिश्तेदार तो क्यों ना हो बवाल..!!

1 min read

SURAJPUR

सूरजपुर। जिला अस्पताल इन दिनों अपनी बदहाल व्यवस्थाओं और विवादित घटनाओं की वजह से सुर्खियों में है। हालात ऐसे हो गए हैं कि अस्पताल मरीजों के इलाज से ज्यादा अपने विवादों के लिए जाना जा रहा है। ताजा मामला डॉक्टर की लापरवाही से जुड़ा है, जिसने अस्पताल की साख पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

मरीज की मौत बनी डॉक्टर की लापरवाही का नतीजा

आरोप है कि जिले के रामानुजनगर अस्पताल से रेफर होकर आए कौशलपुर निवासी मोतीलाल को गंभीर संक्रमण बीमारी से ग्रसित मरीज को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छह दिनों से मेल वार्ड के बेड नंबर 13 पर भर्ती मोतीलाल ( 58) को सही इलाज नहीं मिल सका। परिजनों का आरोप है कि एडमिट करने के बाद डॉक्टरों ने एक बार भी मरीज को देखने की जहमत नहीं उठाई। हालात यह हो गए कि मोतीलाल पिछले दो दिनों से खाना तक नहीं खा पा रहे था वही मीडिया के दखल के बाद गुरुवार की रात करीब 10 बजे आनन-फानन में एक डॉक्टर ने मरीज को देखने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मरीज की हालत बिगड़ती चली गई और शुक्रवार को सुबह लगभग 6 बजे उसकी मौत हो गई। गमगीन परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

नशे में डॉक्टर और कर्मचारियों की शर्मनाक हरकतें

यह पहली बार नहीं है जब जिला अस्पताल ने अपनी नाकामी और गैरजिम्मेदाराना रवैये से लोगों को आहत किया है। कुछ दिन पहले एक डॉक्टर ड्यूटी के दौरान शराब के नशे धुत में पाया गया था। यह मामला सामने आते ही अस्पताल प्रबंधन की जमकर आलोचना हुई थी। वहीं, इसके कुछ दिनों बाद ही अस्पताल का एक बाबू नशे की हालत में महिलाओं के साथ बदतमीजी किया था लेकिन इन सब मामलों में हुआ क्या कुछ नहीं वही नशे में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर आज भी ड्यूटी कर रहे जब ऐसे बड़े मामलों में कोई कार्यवाही नहीं होगा तो डॉक्टर और कर्मचारियों का मनोबल क्यों नहीं बढ़ेगा!?

सांसद मंत्री विधायक ने भी जताई थी नाराजगी, लेकिन हालात जस के तस

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही सांसद चिंतामणि ,महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल,स्थानीय विधायक भूलन सिंह, सहित कई बड़े नेताओं ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया और यहां की दुर्दशा पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को सख्त हिदायत दी थी, लेकिन इसके बावजूद व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ।

क्या सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जान की कीमत नहीं?

जिला अस्पताल की इन घटनाओं ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जान की कोई कीमत नहीं है? डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है,आखिर कब तक चलेगा यह खेल।

प्रबंधन की जांच के दावे बे असर

अस्पताल प्रबंधन हर बार जांच और कार्रवाई की बात कहकर मामले को दबाने की कोशिश करता है, लेकिन अब तक किसी भी दोषी डॉक्टर या कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। आखिर कब तक मरीजों और उनके परिजनों को ऐसी लापरवाहियों का शिकार होना पड़ेगा?जिला अस्पताल की इन घटनाओं ने साबित कर दिया है कि यहां मरीजों की जान से ज्यादा प्रबंधन की लापरवाहियां और विवाद महत्वपूर्ण बन चुके हैं। जनता अब सरकार से जवाब मांग रही है कि आखिर कब तक ये सिलसिला जारी रहेगा?

चाय पर चर्चा बना रिश्तेदारी..?

सूत्रों की माने तो जिला मुख्यालय में हमेशा चाय पे एक चर्चा जरूर होती है जिला अस्पताल में जबतक रिश्तेदार होंगे तब तक हाल यही होगा कोई किसी मंत्री के पीए का भाई है ? तो कोई किसी का दामाद ? आखिर जिला अस्पताल कब तक रिश्तेदार चलाएंगे अगर ऐसा ही हाल रहा तो कार्यवाही कौन करेगा जब रिश्तेदारी ही इतना मजबूत हो खैर यह बाते कहीसुनी गई है इसमें कितनी सच्चाई है और सच्चाई है ? तो हमको भी समझना पड़ेगा कि यह रिश्तेदार बहुत पवार फूल है और इनका तो कोई कुछ नहीं कर सकता यही वजह होगा कि यह अपने कर्मचारियों के बड़ी से बड़ी लापवाही में भी सिर्फ एक नोटिस जारी कर के शांत हो जाते है मरने वाला मरे जीने वाला तड़पे हम तो है रिश्तेदार हमारा क्या होगा और जब हमारा कुछ नहीं होगा तो तुम्हारा हम क्या करेंगे..?

VIDEO:- सिविल सर्जन डॉक्टर अजय मरकाम

VIDEO : मृतक का पुत्र सूरज बली यादव

Video : मृतक की पत्नी

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © खासखबर सूरजपुर .com | Newsphere by AF themes.
error: Content is protected !!