Categories

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

27th May 2025

khaskhabarsurajpur.com

har khabar sab se phale

पटना गांव में CM पहुँचे, लेकिन कुछ अधिकारियों ने जनता की आवाज़ दबा दी!

1 min read

सूरजपुर, छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल सूरजपुर जिले के पटना गांव पहुँचे थे, जहाँ सुशासन तिहार के तहत समाधान शिविर का आयोजन किया गया था। मंच सजा था, अफसर लाइन में थे, माइक पर जनता से संवाद हो रहा था, लेकिन हकीकत इसके पीछे कुछ और ही चल रही थी।

ग्रामीण बड़ी उम्मीदों के साथ दूर-दराज़ से अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे, लेकिन अफसरों और उनके खास सहयोगियों की चालाकियों ने कई लोगों की आवाज़ मुख्यमंत्री तक पहुँचने ही नहीं दी। शिविर का मकसद था लोगों की बात सुनना, लेकिन कुछ लोगों को बोलने ही नहीं दिया गया।

सबसे ज्यादा शिकायतें कहाँ कि थी,,,

शिकायतों की बौछार में सबसे अव्वल नंबर में देवनगर उप-तहसील रहा, लोगों का कहना है कि सालों से फाइलें दबाकर रखी जाती हैं, काम के नाम पर जेब काटी जाती है और अफसरों की मनमानी से जनता हलाकान है।

नायब तहसीलदार पर गंभीर आरोप

देवनगर की नायब तहसीलदार पर आरोप है कि उनके ऑफिस में न तो समय पर काम होता है और न ही ईमानदारी से। जमीन संबंधित त्रुटि सुधार हो या आय-जाति प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र हो या ई-कोर्ट से जुड़े आदेश—हर काम में देरी और लापरवाही है। ग्रामीणों का कहना है कि – “सरकारी सेवा नहीं, ये तो खुला बाजार है साहब! बिना पैसा दिए कोई काम नहीं होता।”

“किस काम के कितने पैसे?” सुनिए रेट लिस्ट!

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देवनगर उप-तहसील में हर काम के लिए एक तय रेट है:

  • जमीन त्रुटि सुधार – ₹10,000,
  • चौहद्दी में साइन – ₹2,000,
  • ई-कोर्ट आदेश पर अमल – ₹10,000 से अधिक

यानि, बिना नगद के सरकारी दफ्तर में घुसना ही बेकार है। मजदूरी करके पेट पालने वाला गरीब इन अफसरों के आगे अपनी कमाई लुटा देता है!

ऑफिस नहीं, मनमानी का अड्डा!

नायब तहसीलदार का सुबह ऑफिस आना, मन हुआ तो काम करना – नहीं हुआ तो स्टाफ के भरोसे छोड़कर निकल जाना अब आम बात हो गई है। ग्रामीणों की माने तो – “हर दिन ऑफिस में कोई न कोई झगड़ा होता है, बहस होती है, लोग गाली-गलौज तक कर बैठते हैं। लेकिन प्रशासन कान में तेल डालकर बैठा है।”

सरकार की मंशा पर सवाल!

एक तरफ प्रदेश सरकार सुशासन और पारदर्शिता की बात कर रही है, तो दूसरी ओर ऐसे अफसर उस मंशा पर पानी फेर रहे हैं। देवनगर तहसील में चल रहा करप्शन, सिर्फ एक गांव या तहसील की बात नहीं है?– ये पूरे सिस्टम को आईना दिखा रहा है?

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © खासखबर सूरजपुर .com | Newsphere by AF themes.
error: Content is protected !!