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16th October 2024

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छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड 378.1 मिमी औसत वर्षा, किसानों के चेहरे पर खुशी..

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छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड 378.1 मिमी औसत वर्षा, किसानों के चेहरे पर खुशी..

रायपुर 22 जुलाई 2024 : record in chhattisgarh राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 378.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 22 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 936.9 मिमी .

सरगुजा जिले में सबसे कम 147.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है..

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record in chhattisgarh-राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 211.6 मिमी, बलरामपुर में 346.6 मिमी, जशपुर में 257.7 मिमी, कोरिया में 254.2 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 212.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। इसी प्रकार, रायपुर जिले में 312.5 मिमी, बलौदाबाजार में 347.0 मिमी, गरियाबंद में 458.5 मिमी, महासमुंद में 261.8 मिमी, धमतरी में 444.5 मिमी,

record in chhattisgarh बिलासपुर में 353.2 मिमी, मुंगेली में 354.9 मिमी, रायगढ़ में 337.3 मिमी, सारंगढ़

बिलाईगढ़ में 206.0 मिमी, जांजगीर-चांपा में 337.9 मिमी, सक्ती में 283.7 कोरबा में 401.9 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 347.5 मिमी, दुर्ग में 247.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 311.7 मिमी, राजनांदगांव में 429.9 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 438.1 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 287.7 मिमी,

राज्य में बारिश की स्थिति पर अपडेट.

बालोद में 510.8 मिमी, बेमेतरा में 229.0 मिमी, बस्तर में 526.9 मिमी, कोण्डागांव में 431.0 मिमी, कांकेर में 515.2 मिमी, नारायणपुर में 519.7 मिमी, दंतेवाड़ा में 505.1 मिमी और सुकमा जिले में 709.8 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

कृषि पर प्रभावः राज्य के अधिकांश जिलों में अच्छी वर्षा के कारण कृषि को लाभ होने की संभावना है। किसान खरीफ फसलों की बुवाई में व्यस्त हैं और अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, जिन क्षेत्रों में कम बारिश दर्ज की गई है, वहां के किसानों को निश्चित रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

जल संसाधनों पर प्रभावः

वर्षा सिंचित क्षेत्रों में जल की स्थिति में सुधार हुआ है। अब जलाशयों और तालाबों में पानी का स्तर बढ़ गया है और यह सिंचाई की पर्याप्त जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। जिले के निचले इलाकों में पानी की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

सरकारी तैयारीः

बाढ़ और सूखे की संभावना को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के स्तर पर आवश्यक तैयारी की गई है। बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमों की तैनाती को मंजूरी दी गई है। राज्य के सूखा प्रभावित जिलों में जल संरक्षण के उपाय किए जा रहे हैं।

पर्यावरणीय प्रभावः

इस संबंध में, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में इस स्थिति में सुधार हुआ है। वृक्षों के रोपण और हरियाली को प्रोत्साहित किया गया है। इसलिए, शुष्क क्षेत्रों में सूखा पारिस्थितिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।

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1 जून 2024 से राज्य के लिए वर्षा के आंकड़े इंगित करते हैं कि अधिकांश जिलों में औसत से अधिक वर्षा हुई है। बीजापुर जिले में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई जबकि सरगुजा जिले में सबसे कम वर्षा दर्ज की गई। बाढ़ और सूखे की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। कृषि, जल विज्ञान और पर्यावरण पर वर्षा के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, सरकार समय पर उचित उपाय कर रही है।

राज्य के नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी आपदा की स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

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