सूरजपुर नगरपालिका में सियासी महाभारत!
1 min read
उपाध्यक्ष पद के लिए निर्दलीयों का बड़ा खेल – सत्ता की ‘गुप्त डील’ या नया ‘राजनीतिक विस्फोट’?
सूरजपुर: नगरपालिका चुनाव के बाद अब सूरजपुर में सत्ता की सबसे खतरनाक जंग शुरू हो चुकी है! कांग्रेस ने अध्यक्ष पद तो जीत लिया, लेकिन असली धमाका अब उपाध्यक्ष पद के लिए होने वाला है। भाजपा हार के बाद पलटवार करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है, जबकि कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए हर दांव खेल रही है। लेकिन इस पूरे सियासी खेल में सबसे बड़ा ‘सस्पेंस’ निर्दलीय पार्षद बन गए हैं, जो सत्ता की चाबी अपने हाथों में लेकर ‘किंगमेकर’ की भूमिका में आ चुके हैं।

“निर्दलीयों की चुप्पी में छुपा है कोई बड़ा धमाका?”
18 वार्डों की इस चुनावी लड़ाई में भाजपा के 8, कांग्रेस के 6 और निर्दलीयों के 4 पार्षद जीत चुके हैं। मगर अब सत्ता के असली खिलाड़ी ये निर्दलीय पार्षद हैं, जिन्होंने दोनों दलों की नींद उड़ा दी है
सवाल ये है कि – ✅ क्या निर्दलीय भाजपा या कांग्रेस के साथ जाएंगे?
✅ या खुद को सत्ता के असली ‘बॉस’ बनाने के लिए नया ‘राजनीतिक विस्फोट’ करेंगे?
“बंद कमरों में गुप्त सौदेबाजी – किसको मिलेगा सत्ता का ‘विकट पास’?”
सूत्रों की मानें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही निर्दलीयों को अपने पाले में लाने के लिए ‘गुप्त मीटिंग्स’ कर रहे हैं। लॉबिंग, राजनीतिक ऑफर, और जबरदस्त दबाव का खेल तेज हो चुका है। सत्ता के बदले पद, फंड, और राजनीतिक भविष्य के सुनहरे सपने दिखाए जा रहे हैं।
सवाल ये भी है –👉 क्या निर्दलीयों ने पहले ही तय कर लिया है कि ‘पावर गेम’ किसके पक्ष में जाएगा?
👉 या फिर ऐन मौके पर ‘सियासी ब्लास्ट’ कर नई कहानी लिखेंगे?
“भाजपा का मास्टरस्ट्रोक – चुनावी हार को जीत में बदलने की खुफिया चाल!”
🟢 मुकेश गर्ग
🟢 शैलेश अग्रवाल
🟢 राजेश साहू
🟢 प्रमोद तायल
भाजपा ने अध्यक्ष पद गंवा दिया, लेकिन उपाध्यक्ष पद की ताकत को हथियाने के लिए पूरी रणनीति बना ली है। पार्टी का प्लान साफ है –
1️⃣ निर्दलीयों को अपने पक्ष में करके कांग्रेस की जीत का ‘स्वाद’ बिगाड़ दो।
2️⃣ उपाध्यक्ष पद जीतकर नगरपालिका पर अपनी पकड़ मजबूत करो।
3️⃣ कांग्रेस को सत्ता में कमजोर करके ‘फ्यूचर पॉलिटिक्स’ सेट करो। भाजपा के बड़े नेता निर्दलीयों से लगातार संपर्क कर रहे हैं। मौन समर्थन’ और ‘गुप्त डील्स’ का खेल जारी है, जिसका धमाका कभी भी हो सकता है!
“कांग्रेस की किलेबंदी – सत्ता पर पूरा कंट्रोल रखने का दांव!”
🔴 गैबीनाथ साहू (सीनियर पार्षद)
🔴 मंजुलता गोयल
कांग्रेस के लिए ये लड़ाई सिर्फ उपाध्यक्ष पद की नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक फैसलों की है।
पार्टी चाहती है कि –✔ उपाध्यक्ष भी कांग्रेस का ही बने, ताकि ‘एकछत्र राज’ हो सके। ✔ भाजपा को ‘बाहर’ ही रखा जाए, ताकि नगरपालिका पूरी तरह कांग्रेस के इशारों पर चले। ✔ निर्दलीयों को हर हाल में अपने पाले में किया जाए, ताकि सत्ता का समीकरण न बदले।
“निर्दलीय पार्षद – सत्ता के असली खिलाड़ी!”
इस पूरे सियासी महाभारत में चार निर्दलीय पार्षद सबसे अहम हैं –
🟢 ललन सोनवानी – भाजपा के बागी, लेकिन अब क्या करेंगे?
🔴 पुष्पलता साहू – कांग्रेस से नाराज होकर निर्दलीय बनीं, अब भाजपा-कांग्रेस में किसे चुनेंगी?
🟡 करमातो राजवाड़े और पिंकी साहू – पूरी तरह ‘मौन’, क्या वे अपनी खुद की चाल चलने वाले हैं?
👉 क्या ये चार निर्दलीय मिलकर खुद उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने की प्लानिंग कर रहे हैं?
👉 या किसी बड़े ‘गुप्त गठजोड़’ की स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी है?
- “आगे क्या? – उपाध्यक्ष चुनाव की तारीख का ऐलान बाकी, लेकिन बवंडर तय!”
उपाध्यक्ष चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन सूरजपुर की जनता इस महाभारत के अगले अध्याय के इंतजार में है। राजनीतिक जोड़-तोड़, साजिशों और सत्ता के सौदेबाजी का क्लाइमैक्स जल्द ही सामने आने वाला है!
अब देखना दिलचस्प होगा –
✅ किसका ‘गेम ओवर’ होगा और किसकी ‘चालाकी’ सत्ता पर कब्जा करेगी? ✅ क्या निर्दलीयों का ‘मास्टर स्ट्रोक’ दोनों पार्टियों को हिलाकर रख देगा? ✅ या भाजपा-कांग्रेस में से कोई सत्ता पर पूरी तरह से काबिज हो जाएगा?
सूरजपुर की जनता के लिए यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि राजनीति के नए शक्ति संतुलन की शुरुआत है! कौन जीतेगा? कौन हारेगा? इंतजार कीजिए, क्योंकि आने वाले दिनों में सियासत का सबसे बड़ा विस्फोट होने वाला है!