सरकारी अस्पतालों में मरीजों की नहीं ली जा सकेगी फोटो या वीडियो सरकार ने लगाया रोक ..
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SARGUJA
शासकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों के इलाज के दौरान वीडियो या फोटोग्राफी नहीं की जा सकेगा । एसीएस मनोज पिंगुवा ने हाईकोर्ट के हाल के निर्देशों के तहत यह रोक लगाई है। अंबिकापुर के अस्पताल में जमीन पर प्रसव के वीडियो वायरल होने पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
सरगुजा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर में महिला का जमीन पर असुरक्षित प्रसव कराने के मामले में सीएमएचओ द्वारा एक स्टाफ नर्स को निलंबित करने के साथ ही एएनएम को हटा दिया गया था।
अब इस मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर राज्य सरकार ने बीएमओ डॉ. पीएन राजवाड़े को निलंबित कर दिया है।जिला मुख्यालय अंबिकापुर से लगे नवानगर दरिमा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 8 जून को डॉक्टर व नर्स के नही रहने पर गर्भवती महिला प्रियावती पैंकरा की मितानिन द्वारा फर्श पर डिलीवरी कराई गई थी।समुचित इलाज नहीं मिलने के कारण महिला को काफी पीड़ा झेलनी पड़ी। स्वास्थ्य केंद्र परिसर में फर्श पर प्रसव कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आया और मामले की जांच सीएमएचओ द्वारा कराई गई।
इसमें प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर सीएमएचओ ने 9 जून को एएनएम मीना चौहान को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। वहीं स्टाफ नर्स कन्या पैंकरा को निलंबित कर दिया।
प्रसव प्रोटोकॉल का उल्लंघन, बीएमओ निलंबितअब इस मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार ने एक आदेश जारी कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भफौली के बीएमओ डॉ. पीएन राजवाड़े को निलंबित कर दिया है।आदेश में उल्लेख किया गया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर में प्रसव को लेकर अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।
तो वहीं यह सुनने में बहुत ही दुखद है :-
कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही की घटनाएं हो रही हैं। सरकार के द्वारा ऐसे मामलों की जांच और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। इससे ऐसी घटनाएं फिर से न हों और सामाजिक दुख को कम किया जा सके।