कलस्टर प्रभारी पर कार्रवाई ना कर विभाग पर राजनीतिक दबाव में दे रहा संरक्षण,,समूह की महिलाएं धरना प्रदर्शन की कही बात,,
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सूरजपुर
बिहान योजना अंतर्गत तेजस्वी महिला कलस्टर लटोरी की पीआरपी (प्लेसमेंट रिसोर्स पर्सन) उषा यादव पर लाखों रुपये के फर्जीवाड़े का गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले में विभागीय कार्रवाई के बजाय पुनः नियुक्ति का निर्णय लिया गया, जिस पर स्थानीय महिलाओं और कांग्रेस के पूर्व विधायक ने विरोध जताया है।
फर्जी हस्ताक्षर कर किए गए लाखों के गबन का आरोप सूत्रों के मुताबिक, पीआरपी उषा यादव ने दस्तावेज़ों पर फर्जी हस्ताक्षर कर करीब साढ़े छह लाख रुपये का गबन किया। यह मामला अगस्त 2024 में सामने आया था, जिसके बाद उषा यादव ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, अब तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि विभाग ने उन्हें पुनः तेजस्वी महिला कलस्टर लटोरी में नियुक्त कर दिया है।
महिलाओं और पूर्व विधायक ने जताई नाराज़गी इस निर्णय के विरोध में बड़ी संख्या में समूह की महिलाएं पिकअप वाहन में सवार होकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं।
उनके समर्थन में भटगांव के पूर्व विधायक पारसनाथ राजवाड़े भी शामिल हुए। उन्होंने विभाग पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया।पूर्व विधायक राजवाड़े ने कहा, “यह नियुक्ति पूरी तरह गलत है।
महिला बाल विकास मंत्री के करीबी होने के कारण उषा यादव पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अगर विभाग उन्हें तत्काल नहीं हटाता, तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे।”समूह की महिलाओं ने भी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे उषा यादव के साथ काम करने को तैयार नहीं हैं।
विभागीय जांच जारी – इस मामले में जिला पंचायत सीईओ नंदिनी साहू ने बताया कि विभागीय जांच प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा, “जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
विरोध के स्वर तेज होने की संभावना – फर्जीवाड़े के इस मामले ने सूरजपुर जिले में राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। महिलाओं का कहना है कि यदि उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगी।
जरीना सुल्ताना, कोषाध्यक्ष, क्लस्टर लटोरी: “हम समूह की महिलाएं उषा यादव के साथ काम करने को तैयार नहीं हैं। यह अन्यायपूर्ण है।”