Lotus Singhada : बाजारों में दिखने लगा कमल का सिंघाड़ा जानिए इसके फायदे और नुकसान..
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Lotus Singhada : बाजारों में हरे-हरे ताजे सिंघाड़े दिखने लगते हैं। कमल के पौधे से उत्पन्न यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्यवर्धक लाभ भी हैं। सिंघाड़ा विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में खाया जाता है और इसे पानी फल या जल फल के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इसके फायदे के साथ-साथ कुछ सावधानियां और नुकसान भी होते हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है।
सिंघाड़ा खाने के फायदे…
- 1- ऊर्जा का अच्छा स्रोत: सिंघाड़ा कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। यह शरीर को सर्दियों में गर्मी और शक्ति देने में मदद करता है।
- 2. पाचन में मददगार: सिंघाड़ा में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक होता है। यह कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है और पेट को स्वस्थ रखता है।3. इम्यूनिटी बूस्टर: सिंघाड़ा विटामिन ए और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। यह शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है और सर्दियों में सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
- 4. हृदय के लिए फायदेमंद: इसमें पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करता है, जिससे दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा कम होता है।
- 5. वजन घटाने में सहायक: सिंघाड़ा कैलोरी में कम होता है और इसमें फाइबर अधिक होता है, जिससे यह वजन घटाने में सहायक होता है। इसे खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और अधिक भूख नहीं लगती।
- 6. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी: सिंघाड़ा में मौजूद विटामिन और मिनरल्स त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह त्वचा को चमकदार बनाता है और बालों को मजबूत रखता है।
सिंघाड़ा खाने के नुकसान…
- 1.थायरॉइड से ग्रसित लोगों के लिए हानिकारक: सिंघाड़ा में आयोडीन की मात्रा कम होती है, जिससे यह थायरॉइड के मरीजों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसे अधिक मात्रा में खाने से थायरॉइड की समस्या बढ़ सकती है।
- 2. पाचन संबंधी समस्याएं: कुछ लोगों को सिंघाड़ा खाने से पाचन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे गैस या पेट में भारीपन। यह उन लोगों के लिए समस्या पैदा कर सकता है, जिनका पाचन तंत्र कमजोर होता है।
- 3. एलर्जी का खतरा: सिंघाड़ा कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकता है। इससे त्वचा में खुजली, सूजन या अन्य एलर्जिक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। अगर किसी को पहले से कोई एलर्जी हो, तो उन्हें इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- 4. संक्रमण का खतरा: सिंघाड़ा एक जल फल है, जो तालाबों और जलाशयों में उगता है। अगर इसे सही ढंग से साफ नहीं किया जाए या अच्छी तरह से नहीं पकाया जाए, तो इससे पेट संबंधी संक्रमण का खतरा हो सकता है।
सावधानी ..
सिंघाड़ा पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन इसे सही मात्रा और सही तरीके से खाने की जरूरत होती है। अगर आप इसे कच्चा खा रहे हैं, तो इसे अच्छी तरह से धो लें। उबालकर खाने पर इसका स्वाद भी बेहतर होता है और इससे संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है।
अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य चिकित्सकों की सलाह ले ।