“सूरजपुर पहुंची जवान की बीवी, बोली – साहेब! मोर मनखे ला ढूंढव…”
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AMIR PATHAN
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 13वीं बटालियन में तैनात जवान मनमोहन सिंह पिछले तीन महीने से रहस्यमय तरीके से लापता है। जवान बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाके तारुड़ कैंप में पिछले पांच साल से ड्यूटी कर रहा था।
कैंप के अधिकारियों का कहना है कि जवान मानसिक रूप से बीमार था और एक दिन अचानक दीवार के ऊपर लगी फेंसिंग तार को पार कर भाग गया। लेकिन जवान के घरवालों को इस बात पर बिल्कुल भरोसा नहीं है।
सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि जवान जिस दिन गायब हुआ, उसी दिन यानी 11 जनवरी को तारलागुड़ा थाने में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज कर ली गई।
उधर सूरजपुर जिले के चंदननगर गांव के रहने वाले जवान मनमोहन सिंह के परिवार को किसी अनहोनी की आशंका सता रही है। परिवार वालों को डर है कि कहीं नक्सलियों ने उसे अगवा तो नहीं कर लिया या फिर कहीं कैंप के अंदर ही कोई हादसा तो नहीं हुआ, जिसे छुपाया जा रहा हो।
वहीं जिस दिन मनमोहन सिंह लापता हुए उस दिन कैंप का सीसीटीवी कैमरा भी बंद बताया जा रहा है.जो जवान के परिजनों के शंका को और भी गहरा बना रहा है.
पत्नी ने लगाई गुहार , “मोर मनखे ला ढूंढव साहेब…” – पत्नी की गुहार सूरजपुर में गूंज उठी”
गुम जवान की पत्नी ने मुख्यमंत्री से लेकर गृहमंत्री और आला अफसरों तक दर्जनों खत लिख डाले। कहीं से कोई जवाब नहीं मिला, तो थक-हार के सूरजपुर एसपी कार्यालय पहुंच गई, गोहार लगावत – “मोर मनखे ला बचा लेव, साहेब!”
आंखों में आंसू, हाथ में पति की तस्वीर और दिल में उम्मीद — बस यही लेकर महिला सूरजपुर आई है, ताकि उसके पति सलामत लौट सके।
‘ख़ास खबर’ से बात करते हुए जवान की पत्नी रो पड़ीं और बोलीं – मेरे पति को ढूंढिए।
तीन महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन अब भी जवान मनमोहन सिंह का कोई अता-पता नहीं है। पूरा परिवार आज भी उसकी राह देख रहा है, लेकिन अब तक सिर्फ सवाल हैं, जवाब कोई नहीं।