Categories

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

15th September 2024

khaskhabarsurajpur.com

har khabar sab se phale

IAS कृतिका मिश्रा: साधारण परिवार की बेटी ने हिंदी माध्यम से यूपीएससी में पाया मुकाम, अब राजस्थान में करेगी सेवा 

1 min read
आईएएस कृतिका मिश्रा: साधारण परिवार की बेटी ने हिंदी माध्यम से यूपीएससी में पाया मुकाम, अब राजस्थान में करेगी सेवा 

सफलता की कहानी: IAS कृतिका मिश्रा का नाम अब हर उस छात्र के लिए प्रेरणा बन गया है जो हिंदी मीडियम से यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी में लगा हुआ है। वह अपने नए सफर की ओर बढ़ रही है। 6 अगस्त को खबर सामने आई है कि वह राजस्थान से जुड़ने जा रही है, जिससे उसके करियर में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।

कृतिका का जन्म कहां और कब हुआ?

कृतिका का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ। उनके पिता दिवाकर मिश्रा एक इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं, जबकि उनकी मां भारतीय जीवन बीमा निगम में काम करती हैं। साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाली कृतिका की पढ़ाई का सफर भी बेहद साधारण रहा। उन्होंने आर्ट्स में ग्रेजुएशन और इंटरमीडिएट किया और फिलहाल कानपुर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं। उनके जीवन का यह सफर संघर्ष, कड़ी मेहनत और विश्वास को दर्शाता है।

दूसरे प्रयास में ही IAS बनने में सफल रहीं।

कृतिका मिश्रा ने 2022 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की। हालांकि यह उनका पहला प्रयास नहीं था। पहले प्रयास में उन्होंने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन साक्षात्कार में उनका चयन नहीं हो पाया। इस असफलता ने उन्हें हतोत्साहित नहीं किया, बल्कि उन्हें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने कुल 1006 अंक प्राप्त करके 66वीं रैंक हासिल की और आईएएस बनने का अपना सपना पूरा किया।

हिंदी माध्यम से यूपीएससी की समस्याएं और समाधान

यूपीएससी में कृतिका का सफर हिंदी माध्यम से था, जो अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी। हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों के लिए अध्ययन सामग्री की कमी एक आम बड़ी समस्या है। कई बार उन्हें अंग्रेजी से अनुवादित सामग्री पर निर्भर रहना पड़ता है, जो हमेशा सटीक और समझने में आसान नहीं होती। इतना कुछ होने के बाद भी कृतिका ने अपनी कड़ी मेहनत और अथक अभ्यास से साबित कर दिया कि हिंदी माध्यम से भी सिविल सेवा के शिखर पर स्थान पाया जा सकता है। वह कहती हैं, “कड़ी मेहनत और लगन से ही भाषा की बाधा को दूर किया जा सकता है।” कृतिका का नया सफर राजस्थान से जुड़ने जा रहा है।

अब बिहार कैडर में नियुक्ति के साथ ही कृतिका के करियर ने नया मोड़ ले लिया है। राजस्थान से उनका जुड़ाव उनके लिए एक नई चुनौती और अवसर की तरह है। यह नई जिम्मेदारी उनके अनुभवों को और बढ़ाएगी और उन्हें राजस्थान की सेवा करने का मौका देगी। यह जुड़ाव उनके करियर को एक नई दिशा देगा और उन्हें नए आयाम तक ले जाएगा।

आईएएस कृतिका मिश्रा की कहानी हिंदी माध्यम से यूपीएससी की तैयारी करने वाले हर छात्र के लिए प्रेरणा है। उनकी सफलता ने दिखाया कि अगर आप कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं तो भाषा की बाधा कोई मायने नहीं रखती। राजस्थान के साथ उनका नया सफर उनके जीवन में एक और सफलता की कहानी लिखने जा रहा है, जो उन्हें और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उनका जीवन उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा को दर्शाता है जो अपने सपनों को पूरा करने का साहस करते हैं।

Read also

विनेश फोगाट की अपील पर CAS का निर्णय: स्वर्णिम करियर का निर्णायक मोड़

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © खासखबर सूरजपुर .com | Newsphere by AF themes.
error: Content is protected !!