Hostel Superintendent : छात्रावास अधीक्षक पर अवैध वसूली का आरोप, नाराज छात्रों ने किया सड़क जाम
1 min readHostel Superintendent कोरिया: बैकुंठपुर के आदिवासी पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास में रहने वाले करीब 70 छात्रों ने आज सुबह जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय के सामने सड़क पर उतरकर चक्काजाम कर दिया। छात्रों का आरोप है कि छात्रावास अधीक्षक द्वारा उनसे अवैध रूप से प्रत्येक छात्र से ₹1000 की वसूली की जा रही थी। अधीक्षक ने यह रकम छात्रावास में उपयोग होने वाले सामान के नाम पर ली, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है।
यह मामला तब और गंभीर हो गया जब छात्रों ने चार दिन पहले इस अवैध वसूली के खिलाफ सोशल मीडिया पर विरोध जताया और साथ ही अपर कलेक्टर को शिकायत पत्र भी सौंपा, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। छात्रों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों की निष्क्रियता और उदासीनता के कारण उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा।
Hostel Superintendent विरोध के दौरान छात्रों का प्रदर्शन
सुबह से ही छात्र सड़कों पर एकत्रित हुए और डीईओ कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने स्पष्ट कहा कि जब तक उनकी शिकायत पर उचित कार्यवाही नहीं की जाती, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। छात्रों के प्रदर्शन से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। सड़क जाम के कारण यातायात भी पूरी तरह से बाधित हो गया, जिससे स्थानीय नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों का हस्तक्षेप
जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की। मौके पर सहायक आयुक्त उषा लकड़ा पहुंचीं और उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषी अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उषा लकड़ा के आश्वासन के बाद ही छात्रों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया और छात्रावास वापस लौट गए।
छात्रों का आरोप और मांगें
छात्रों का कहना है कि उन्हें बिना किसी ठोस कारण के अधीक्षक द्वारा आर्थिक शोषण का शिकार बनाया जा रहा है। छात्रों की मांग है कि अवैध वसूली में शामिल छात्रावास अधीक्षक ( Hostel Superintendent ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए। इसके अलावा, छात्र चाहते हैं कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, और प्रशासनिक स्तर पर ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे भविष्य में छात्रावासों में पारदर्शिता बनी रहे।
उषा लकड़ा का बयान
सहायक आयुक्त उषा लकड़ा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों की शिकायतें गंभीर हैं और इसकी जांच तुरंत शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, “छात्रों की ओर से जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की जाएगी। दोषी पाए जाने पर अधीक्षक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। छात्रों को किसी भी तरह से असुविधा या शोषण सहन नहीं करना पड़ेगा।
प्रशासन की स्थिति पर सवाल
इस पूरे प्रकरण से जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। छात्रों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते उनकी शिकायत पर ध्यान दिया होता, तो उन्हें सड़कों पर उतरने की जरूरत नहीं पड़ती। इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है और छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।