गंगा दशहरा पर दुलही तालाब में होगा गंगा पूजन व महाआरती ,सरोवर धरोहर सुरक्षा समिति का आयोजन…
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SURAJPUR
मोक्षदायिनी माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण दिवस गंगा दशहरा के पावन पर्व पर रविवार 16 जून को पँचमदिर स्थित दुलही तालाब में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी गंगा पूजन व महाआरती का आयोजन किया गया है। आयोजन को लेकर तालाब परिसर की साफ सफाई के साथ व्यापक तैयारियां की जा रही है।
पूर्व में यहां गंगा दशहरा का पर्व भव्यता के साथ मनाया जाता था। नगर के बड़खा पारा मोहल्ला स्थित छठ तालाब में इस मौके पर सप्ताह भर भव्य मेला का आयोजन होता था। ग्रामीण क्षेत्रो से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचकर अपनी धार्मिक परंपरा का निर्वहन करते थे और ग्रामीण क्षेत्र के महिला पुरुषों दवाइया दशहरा पर्व पर गाये जाने वाले परंपरागत गीतों से शहर गुंजायमान रहता था। मगर धीरे धीरे इस परंपरा पर आधुनिकता का ऐसा रंग चढ़ा की लोग गंगा दशहरा का पर्व मनाना ही लगभग भूल गए और गंगा दशहरा पर लगने वाला भव्य मेला व शहर के हर गली मोहल्लों से गुजरते हुए ग्रामीणों द्वारा गाये जाने वाले परंपरागत गीतों की गूंज आधुनिकता के इस युग मे गुम हो गई।
गुम होती गंगा दशहरा की इस परंपरा को जीवंत परंपरा के रूप में स्थापित करने के लिए विगत 3 वर्षों से सरोवर धरोहर सुरक्षा समिति ने बीड़ा उठाया है और नगर पालिका के सहयोग से यह भव्य आयोजन नगर के दुलही तालाब में किया जा रहा है। इस आयोजन में शहर सहित आसपास क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर गंगा पूजन व आरती में शामिल होते है।
मान्यता है कि भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान महादेव की जटाओं में विराजी माँ गंगा इसी दिन पृथ्वी पर अवतरित हुई थी और भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष प्रदान किया था। तभी से इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। 16 जून रविवार को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन 5 बजे से दुलही तालाब परिसर में भजन संध्या का आयोजन होगा। ततपश्चात सायं 7 बजे मां गंगा पूजन व महाआरती होगी।
पंडित राजेश दुबे बबलू महाराज व उनकी टीम के द्वारा धार्मिक मंत्रोचारण के बीच गंगा पूजन व महाआरती का कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाएगा। आयोजन के लिए दुलही तालाब के तट को नाम के अनुरूप रंगबिरंगी रोशनी से दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। आयोजन भव्य हो इसके लिए नगर पालिका अध्यक्ष के के अग्रवाल ने प्रवेश गोयल, सुनील अग्रवाल व नगर पालिका टीम के साथ आयोजन स्थल का निरीक्षण किया है।
कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए पार्षद वीरेंद्र बंसल, पुष्पलता गिरधारी साहू, सरोवर धरोहर सुरक्षा समिति के अध्यक्ष चंचलेश श्रीवास्तव, सचिव डॉ रजनीश गर्ग, कन्हैया अग्रवाल सहित अन्य सदस्य लगे हुए है।0 आंटे के दियो से जगमगायेगा दुलही तालाब का तटआयोजन के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखते हुए इस बार तालाब परिसर में आंटे से निर्मित दिया जलाने का निर्णय लिया गया है। धार्मिकता के साथ दुलही तालाब रंगबिरंगी मछलियों के लिए भी जाना जाता है।
यहां बड़े पैमाने पर मछलियां है जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग मछलियों को दाना देकर अपनी धार्मिक परंपरा का निर्वहन भी करते है।
तालाब परिसर की स्वच्छता व मछलियों को ध्यान में रखते हुए तालाब परिसर में आंटे का दिया जलाने का निर्णय आयोजन समिति के द्वारा लिया गया है। ताकि आयोजन के बाद उक्त दिया का उपयोग मछलियो के भोजन के रूप में हो सके और परिसर भी स्वच्छ रहे। इसके लिए सभी से अपील की गई है कि आयोजन के दौरान प्रज्ज्वलित किये जाने वाले दियो को घर पर आंटे से निर्मित करके ही लाएं।