Chhattisgarh Teacher : 33 हज़ार शिक्षक भर्ती की मांग तेज, प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने सरकार को दी चेतावनी
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सूरजपुर – छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में देरी से परेशान डीएड और बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के स्कूलों में 33 हज़ार से अधिक पद रिक्त होने के बावजूद, सरकार द्वारा अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए, अन्यथा प्रदेशभर के प्रशिक्षित अभ्यर्थी 21 सितंबर से रायपुर में विशाल धरना और अनशन करेंगे।
संघ के संगठन मंत्री पालन दास भारती और अध्यक्ष दाऊद खान के नेतृत्व में कई पदाधिकारियों ने एक पत्र जारी कर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अवगत कराया है कि लाखों प्रशिक्षित बेरोजगार अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह भी उल्लेख किया गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने अपने घोषणा-पत्र में 57 हज़ार शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था, जिसे पूरा करना अब अनिवार्य हो गया है।
शिक्षक भर्ती पर देरी से नाराजगी
छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के लाखों बेरोजगार अभ्यर्थी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। संघ के मुताबिक, विधानसभा के प्रथम सत्र में तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने 33 हज़ार शिक्षकों की भर्ती का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। संघ ने स्पष्ट किया कि अगर 15 सितंबर 2024 तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं होती है, तो प्रदेश के लाखों प्रशिक्षित अभ्यर्थी 21 सितंबर से रायपुर में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन और अनशन करेंगे।
जहां आज अग्रेशन चौक से रैली निकाल कर कलेक्ट तक पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ ने तहसीलदार सूरजपुर को .

संघ की प्रमुख मांगें संघ ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
1. 33 हज़ार रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती: प्रदेश के स्कूलों में सभी विषयों और संकायों के पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए।
2. वर्ग-02 की भर्ती विषयवार हो: संघ ने मांग की है कि वर्ग-02 के पदों पर भर्ती विषयवार की जाए, ताकि योग्य उम्मीदवारों को नौकरी मिल सके।
3. युक्तियुक्तकरण के नाम पर बंद स्कूलों को फिर से शुरू किया जाए:सरकार ने युक्तियुक्तकरण के तहत हजारों स्कूलों को बंद कर दिया था, जिससे छात्रों और अभ्यर्थियों दोनों को नुकसान हुआ है।
4. आरक्षित वर्ग को 5% की छूट: आगामी शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग के लिए 5% की अतिरिक्त छूट प्रदान की जाए।
5.ओवर-एज अभ्यर्थियों के लिए उम्र में छूट: भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण कई डीएड और बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी ओवर-एज हो रहे हैं। इन्हें शिक्षक बनने के लिए उम्र में छूट दी जाए।
संघ की चेतावनी छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड एवं बीएड संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगे पूरी नहीं की जाती हैं, तो रायपुर में विशाल धरना प्रदर्शन और अनशन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। संघ के सचिव ललित कुमार साहू ने कहा, “हमारी मांगे जायज हैं और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।” बेरोजगारी का बढ़ता संकटशिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती न होने से प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी गिरता जा रहा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई स्कूलों में शिक्षक न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है।
संघ का कहना है कि अगर सरकार जल्द भर्ती नहीं करती, तो यह प्रदेश के शिक्षा तंत्र पर भी गंभीर असर डालेगा।संघ के उपाध्यक्ष शिव चंद्राकर और कोषाध्यक्ष हिमांचल प्रसाद ने बताया कि प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जो ओवर-एज हो रहे हैं, और जल्द भर्ती न होने पर उनका शिक्षक बनने का सपना टूट जाएगा।
अब आगे क्या?
प्रदेश के प्रशिक्षित अभ्यर्थी अब 15 सितंबर तक सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। अगर सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो 21 सितंबर से रायपुर में प्रदेश स्तरीय आंदोलन की शुरुआत होगी, जिसमें हजारों बेरोजगार शामिल होंगे। अब यह देखना होगा कि सरकार इस दबाव का कैसे सामना करती है और क्या समय पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर पाती है।
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