CG SURAJPUR NEWS interracial marriage – अंतरजातीय विवाह के बाद बढ़ा उत्पीड़न, सामाजिक भेदभाव का शिकार बना परिवार..
1 min readCG SURAJPUR NEWS interracial marriage । उमापुर गांव के एक युवक द्वारा एक अलग जाति की लड़की से विवाह करने के बाद, साहू परिवार और शादी से जुड़े लोग लगातार खतरे और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। यह मामला अब इतना गंभीर हो गया है कि दस ग्रामीण, जो पेशे से शिक्षक हैं, शादी के बाद घर आने वाले लोगों पर नज़र रखने और दबाव बनाने का काम कर रहे हैं।
उत्पीड़न और धमकियां
ग्रामीणों के अनुसार, यह उत्पीड़न और सामाजिक दबाव उन लोगों पर भी लागू हो रहा है, जो पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर जाते हैं। शादी के बाद से ही इस परिवार को सामाजिक बहिष्कार और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि पीड़ित परिवार ने महिला और बाल विकास संघ से मदद की गुहार लगाई है। परिवार का कहना है कि समाज में उन्हें स्वीकृति नहीं मिल रही है और अब वे मानसिक और भावनात्मक दबाव में हैं।
विवाह के बाद समाज का विरोध
इस विवाह को लेकर समाज में व्यापक असहमति देखी जा रही है। समाज के कुछ प्रमुख लोग, जिनमें शिक्षक भी शामिल हैं, इस विवाह के खिलाफ हैं और इसे सामाजिक नियमों का उल्लंघन मान रहे हैं। उन्होंने पीड़ित परिवार और उनके संपर्क में आने वाले लोगों पर निगरानी शुरू कर दी है, जिससे विवाह से जुड़े लोग अब अपने ही समाज में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
महिला सुरक्षा प्राधिकरण की प्रतिक्रिया
महिला सुरक्षा प्राधिकरण की पूर्व अध्यक्ष से इस मामले पर बात की। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सामाजिक विकास के इस युग में भी जाति को प्रेम से ऊपर रखा जा रहा है। अंतरजातीय विवाह के बाद भी सामाजिक भेदभाव की घटनाएं हो रही हैं, जो चिंताजनक है। इस तरह के मामले समाज में सुधार की आवश्यकता को दर्शाते हैं।”उन्होंने आगे कहा कि पीड़ित परिवार द्वारा दी गई शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और उन्हें पूरी सुरक्षा देने के प्रयास किए जाएंगे। महिला और बाल विकास संघ भी इस मामले में हस्तक्षेप कर रहा है और आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है।
समाज में अब भी अस्वीकार्यता
यह घटना इस बात को उजागर करती है कि समाज में अंतरजातीय विवाह को आज भी आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता है। सामाजिक विकास और शिक्षा के बावजूद, जाति की दीवारें अब भी प्रेम के रास्ते में बाधा बन रही हैं। सामाजिक भेदभाव और बहिष्कार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि समाज को अभी भी अपने दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता है।
बनारस चक दंडक्षरा को दान
इस बीच, कुछ लोगों ने स्थिति को शांत करने के लिए बनारस चक दंडक्षरा को धनराशि दान में दी है। हालांकि, यह दान पीड़ित परिवार की स्थिति में कोई बदलाव लाने में सफल नहीं हो पाया है। परिवार और उनके घर आने वाले लोग लगातार सामाजिक दबाव और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।
समाज में सुधार की आवश्यकता
अंतरजातीय विवाह को लेकर समाज में असहमति का यह मामला यह साबित करता है कि प्रेम और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को अभी भी सामाजिक भेदभाव के खिलाफ एक कठिन लड़ाई लड़नी पड़ रही है। सामाजिक सुरक्षा और जागरूकता की दिशा में अधिक प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि ऐसे परिवारों को उनके अधिकार और सम्मान मिल सके।
अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन और महिला सुरक्षा प्राधिकरण इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और पीड़ित परिवार को इस उत्पीड़न से कैसे निजात दिलाते हैं।
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