ब्रेकिंग न्यूज़ : सूरजपुर में चोरों का दुस्साहस! सुभाष चौक में दो दुकानों को बनाया निशाना, पुलिस को खुली चुनौती!
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सूरजपुर | शहर में लगातार हो रही चोरियों ने व्यापारियों और आम नागरिकों की नींद उड़ा दी है। जिले के हृदय स्थल सुभाष चौक में चोरों ने एक बार फिर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। बीती रात अपराधियों ने दो दुकानों में सेंधमारी की कोशिश की, जिसमें से एक दुकान की दीवार तोड़ने में वे सफल भी हो गए। यह घटना पुलिस की सक्रिय पेट्रोलिंग व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है।
प्रिंस टेलर में सेंधमारी, पंजाब टेलर बचा
जानकारी के मुताबिक, चोरों ने प्रिंस टेलर और पंजाब टेलर नाम की दो दुकानों को निशाना बनाया। हालांकि, मजबूत दीवार होने के कारण पंजाब टेलर सुरक्षित रहा, लेकिन प्रिंस टेलर की दीवार चोरों के वार सहन नहीं कर पाई और वे अंदर घुसने में कामयाब हो गए। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वे क्या-क्या सामान उठा ले गए। खुद दुकानदार को भी अभी तक सही आकलन नहीं हो सका है कि कितनी क्षति हुई है।
दुकान संचालकों ने बताया कि सुबह आने पर उन्होंने दीवार में बड़ा छेद देखा। चोर प्रिंस टेलर में सेंध लगाने में सफल रहे, लेकिन पंजाब टेलर की दीवार नहीं तोड़ पाए। आसपास के लोगों को बुलाकर जांच की गई तो सिर्फ इन दो दुकानों को निशाना बनाया गया था। चोरी का आकलन अभी संभव नहीं, जब ग्राहक सामान मांगेंगे, तब ही पता चलेगा कि क्या चोरी हुआ है।
पुलिस की नाक के नीचे सेंधमारी, आखिर यह चोर हैं कौन?
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर पुलिस की गश्त के बावजूद यह चोर इतनी हिम्मत कहां से जुटा रहे हैं? कौन हैं ये नकाबपोश अपराधी जो रात के अंधेरे में आते हैं और बिना किसी सुराग के गायब हो जाते हैं? क्या सूरजपुर जिले में पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है? या फिर ये चोर किसी बड़े गिरोह का हिस्सा हैं, जो संगठित तरीके से वारदातों को अंजाम दे रहे हैं?
रातभर जागना ही पड़ेगा क्या?
इस घटना के बाद व्यापारियों और आम नागरिकों में भारी आक्रोश और दहशत का माहौल है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या अब सूरजपुर में रातभर जागना ही पड़ेगा? क्या यहां पुलिसिंग व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि चोर बेखौफ होकर सुभाष चौक जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में वारदात कर सकते हैं?
प्रशासन पर जनता की नजर, क्या होगी कार्रवाई?
अब सूरजपुर की जनता प्रशासन की ओर टकटकी लगाए देख रही है। क्या इन चोरों को पकड़ने के लिए कोई विशेष अभियान चलाया जाएगा? क्या पेट्रोलिंग को और सख्त किया जाएगा? या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाएगा?
सवाल बहुत हैं, लेकिन जवाब अभी तक नहीं मिला है। सूरजपुर की सड़कों पर चोरों की धमक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस चुनौती को कैसे लेता है और आने वाले दिनों में क्या कदम उठाए जाते हैं।