ब्रेकिंग: सूरजपुर में दसवीं बोर्ड परीक्षा में नकल का बड़ा खुलासा, 18 छात्र रंगेहाथ पकड़े गए, शिक्षा विभाग पर सवाल!
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सूरजपुर | सूरजपुर जिले में दसवीं बोर्ड परीक्षा के नकल का बड़ा मामला सामने आया है। अंग्रेजी विषय की परीक्षा में 18 छात्र नकल करते पकड़े गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 12 छात्र एक ही परीक्षा केंद्र से पकड़े गए, जबकि अलग-अलग केंद्रों से 6 अन्य छात्रों को नकल करते हुए दबोचा गया। इस घटना ने परीक्षा प्रणाली की गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शिक्षा विभाग फेल, बाहरी टीम ने किया खुलासा
बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए प्रशासन ने उड़नदस्ता टीम गठित की थी, लेकिन स्थानीय टीम की मौजूदगी के बावजूद नकल का यह खेल बेखौफ चलता रहा। दिलचस्प बात यह है कि इन छात्रों को पकड़ने में जिला प्रशासन की नहीं, बल्कि अंबिकापुर से आई संयुक्त संचालक (JD) की टीम की अहम भूमिका रही।
इससे यह सवाल उठना लाजमी है कि जब सूरजपुर जिले में ही उड़नदस्ता टीम तैनात थी, तो आखिर वह इस नकल को क्यों नहीं पकड़ पाई? क्या यह महज लापरवाही है।
परीक्षा केंद्रों पर निगरानी के दावे फेल
परीक्षा के दौरान प्रशासन ने यह दावा किया था कि हर केंद्र पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, लेकिन जिस तरह से एक ही परीक्षा केंद्र से 12 छात्र नकल करते पकड़े गए, उससे यह दावे पूरी तरह से खोखले साबित हुए।
सूत्रों के मुताबिक, परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद कई केंद्रों पर नकल की शिकायतें आने लगी थीं, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। स्थिति तब बदली जब अंबिकापुर की टीम ने औचक निरीक्षण किया और नकल करते छात्रों को रंगेहाथ पकड़ लिया।
स्कूल प्रबंधन की चुप्पी, शिक्षा विभाग कटघरे में
नकल के इस बड़े खुलासे के बाद अब स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग पूरी तरह बैकफुट पर हैं। अब तक किसी भी अधिकारी ने इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बड़ा सवाल यह है कि क्या नकल करने वाले इन छात्रों पर सख्त कार्रवाई होगी? क्या शिक्षा विभाग इस चूक की जिम्मेदारी लेगा? और सबसे अहम, क्या अब सूरजपुर जिले की उड़नदस्ता टीम सच में सक्रिय होगी, या फिर इसे लेकर भी केवल खानापूर्ति होगी?
अब क्या होगा?
इस घटना के बाद अब सबकी नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या यह मामला सिर्फ कुछ दिनों की चर्चा बनकर रह जाएगा, या फिर नकल पर वाकई कोई सख्त कार्रवाई होगी?
शिक्षा की साख से जुड़ा यह मामला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जरूरत इस बात की है कि नकल को लेकर केवल बयानबाजी न हो, बल्कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।