छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा उलटफेर: नंदकुमार साय की बीजेपी में वापसी
1 min readरायपुर, 3 सितंबर 2024 – छत्तीसगढ़ की राजनीति में सोमवार को एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय, जिन्होंने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया था, अब फिर से भाजपा में लौट आए हैं। साय ने इस बात की पुष्टि खुद सोशल मीडिया पर की, जिसमें उन्होंने भाजपा के सदस्यता अभियान के तहत पार्टी में दोबारा शामिल होने की जानकारी दी। उनकी इस वापसी ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर विधानसभा चुनावों के करीब आते ही इस घटना ने सभी को चौंका दिया है।
नंदकुमार साय: छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी नेता
नंदकुमार साय का नाम छत्तीसगढ़ की राजनीति में आदिवासी समुदाय के एक प्रमुख नेता के रूप में लिया जाता है। उनका राजनीतिक सफर भाजपा से शुरू हुआ था और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह राज्य के पहले नेता प्रतिपक्ष भी रहे और विधानसभा अध्यक्ष के पद को भी सुशोभित किया।
तीन बार विधायक, तीन बार लोकसभा सांसद, और एक बार राज्यसभा सांसद के रूप में साय ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 14 दिसंबर 2000 से 5 दिसंबर 2003 तक वह छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे।
कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय और फिर वापसी
2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नंदकुमार साय ने भाजपा को अलविदा कहकर कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया था। इस कदम से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया था। कांग्रेस ने उन्हें तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया। साय के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इसके बाद, विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद नंदकुमार साय का कांग्रेस से मोहभंग हो गया और दिसंबर 2023 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।साय की भाजपा में वापसी की अटकलें तभी से लगाई जा रही थीं, जब विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
नंदकुमार साय ने उस समय विष्णुदेव साय को बधाई दी थी और मुख्यमंत्री ने भी एक कार्यक्रम में उनकी घरवापसी के संकेत दिए थे। मुख्यमंत्री ने कहा था, “नंदकुमार साय हमारे वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने हमें पार्टी में लाने का काम किया था। उनके भविष्य के बारे में संगठन और अध्यक्ष निर्णय लेंगे।” इस बयान के बाद से ही नंदकुमार साय की भाजपा में वापसी की संभावना मजबूत हो गई थी।
भाजपा में फिर से शामिल होने की प्रक्रिया
नंदकुमार साय ने भाजपा के सदस्यता अभियान के तहत दोबारा पार्टी में वापसी की। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा की सदस्यता लेना मेरे लिए गौरव का विषय है।” उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। साय की वापसी से भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों में आदिवासी समुदाय के बीच और समर्थन मिल सकता है। इससे भाजपा की चुनावी रणनीति को भी बल मिलेगा।
भविष्य की राजनीति पर असर
नंदकुमार साय की भाजपा में वापसी से छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। उनकी वापसी भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम साबित हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां आदिवासी मतदाताओं का प्रभाव है। वहीं, कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां साय का प्रभाव था। साय की इस वापसी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में रणनीति अब बदलनी होगी।
भाजपा के लिए यह चुनावी तैयारी का हिस्सा है, जबकि कांग्रेस को अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए नए सिरे से रणनीति बनानी होगी। साय की भाजपा में वापसी ने यह दिखाया है कि चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण किस तरह से बदल सकते हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनावों में इसका क्या असर होता है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, और इसके परिणामस्वरूप आगामी चुनावों में सत्ता का संतुलन बदल सकता है।