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16th September 2024

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‘Auron Mein Kahan Dum Tha’: अजय देवगन और तब्बू की प्रभावशाली कहानी

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'Auron Mein Kahan Dum Tha': अजय देवगन और तब्बू की प्रभावशाली कहानी

Auron Mein Kahan Dum Tha : हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘Auron Mein Kahan Dum Tha’ ने दर्शकों को बहुत अधिक उम्मीदें दी थीं, लेकिन फिल्म इन उम्मीदों को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम रही है। अजय देवगन और तब्बू जैसे दिग्गज कलाकारों की उपस्थिति के बावजूद, फिल्म की कमजोर कहानी और ढीले निर्देशन ने इसे एक औसत अनुभव बना दिया है।

Auron Mein Kahan Dum Tha ,कहानी का संक्षिप्त विवरण

फिल्म की कहानी अजय देवगन के किरदार कृष्णा पर केंद्रित है, जो 23 साल जेल में रहने के बाद रिहा होता है। कृष्णा की पुरानी प्रेमिका अब शादीशुदा है और उसका जीवन बदल चुका है। फिल्म का मुख्य सवाल यही है कि कृष्णा ने दो लोगों की हत्या क्यों की? इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश फिल्म में की गई है, लेकिन इस कहानी में कोई विशेष आकर्षण नहीं है।

फिल्म की विश्लेषण

फिल्म की शुरुआत काफी धीमी और सुस्त है। दर्शकों को उम्मीद होती है कि सस्पेंस और ट्विस्ट फिल्म को रोचक बनाएंगे, लेकिन अंत में प्रस्तुत ट्विस्ट फिल्म की कमजोरियों को ही उजागर करता है। नीरज पांडे, जिनसे बेहतरीन निर्देशन की उम्मीद थी, इस बार पूरी तरह से विफल रहे हैं। फिल्म का स्क्रीनप्ले सपाट और साधारण है, जो दर्शकों को बांधने में असमर्थ रहा है।

एक्टिंग की समीक्षा

अजय देवगन ने हमेशा की तरह गहरी और प्रभावशाली एक्टिंग की है। उनकी आंखों की अभिव्यक्ति और भावनात्मक गहराई ने निश्चित रूप से एक प्रभाव छोड़ा है। लेकिन कहानी की कमी के कारण उनकी एक्टिंग भी पूरी तरह से उभर नहीं पाई। तब्बू ने भी अपने रोल में पूरी मेहनत की है, लेकिन कहानी की कमजोरी उनके अभिनय को भी प्रभावित करती है। जिम्मी शेरगिल का किरदार अपेक्षाकृत छोटे और सीमित है, जिससे उनकी प्रतिभा का पूरा उपयोग नहीं हो पाया। शान्तनु और सई की एक्टिंग भी सामान्य रही है।

डायरेक्शन और स्क्रिप्ट

नीरज पांडे ने अपनी पिछली फिल्मों में बेहतरीन निर्देशन दिया है, लेकिन इस बार उनका प्रयास कमजोर रहा है। फिल्म का स्क्रीनप्ले और निर्देशन दोनों ही कमजोर हैं। फिल्म के क्लाइमेक्स और ट्विस्ट्स में कोई नई बात नहीं है, जिससे फिल्म दर्शकों को आकर्षित करने में असफल रही है।

संगीत

फिल्म का एकमात्र सकारात्मक पहलू एम.एम. कीरावनी का संगीत है। गाने और धुनें फिल्म की सुस्ती को कुछ हद तक ढकने में सफल रहती हैं। संगीत की गुणवत्ता दर्शकों को थोड़ी राहत प्रदान करती है और फिल्म की कुल अनुभव को थोड़ी जान देती है।

‘Auron Mein Kahan Dum Tha’ उन दर्शकों के लिए है जो अजय देवगन और तब्बू के फैन हैं। लेकिन अगर आप एक बेहतरीन और प्रेरक कहानी की तलाश में हैं, तो यह फिल्म शायद आपके लिए निराशाजनक साबित हो सकती है। कमजोर पटकथा और धीमा पेस इसे एक साधारण फिल्म बना देते हैं, जिसमें केवल संगीत ही कुछ हद तक अच्छा है।

नोट: यह समीक्षा सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। फिल्म देखने से पहले अपनी खुद की राय बनाना हमेशा सबसे अच्छा होता है।

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