अटल परिसर भूमि पूजन में नामो की गड़बड़ी से गरमाई सियासत वही अधिकारियों को लगा छपास रोग…
1 min readसूरजपुर : पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर आज सूरजपुर नगर पालिका द्वारा हाईटेक बस स्टैंड के समीप उनकी मूर्ति स्थापना और अटल परिसर के निर्माण का भूमि पूजन किया गया, कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए विशेष तैयारियां की गई थीं,, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
वहीं, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और विधायक भूलन सिंह बतौर अतिथि मंच पर उपस्थित रहे।कार्यक्रम के दौरान जहां अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई, वहीं एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही के देखने को मिला जहां भूमि पूजन के लिए तैयार किए गए शिलालेख में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव का नाम शामिल ही नहीं किया गया था।
भाजपा नेता ने जताई नाराजगी..
इस चूक से नाराज भाजपा समर्थित नगर पालिका उपाध्यक्ष रितेश गुप्ता ने कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि यह लापरवाही अधिकारियों की गंभीर चूक है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। रितेश गुप्ता ने कहा, “कार्यक्रम इतना बड़ा था और शिलालेख में नाम तक नहीं थे। अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
कांग्रेस को मिला मुद्दा – शिलालेख की चूक पर कांग्रेस ने तुरंत भाजपा सरकार पर हमला बोल दिया। शहर कांग्रेस अध्यक्ष संजय डोसी ने कहा, “यह भाजपा सरकार की दिशाहीनता और अधिकारियों पर नियंत्रण न होने का स्पष्ट प्रमाण है। एक ओर सरकार वाजपेयी जी के नाम पर राजनीति करती है और दूसरी ओर उनके कार्यक्रम में ऐसी चूक होती है।
तुरंत हुआ सुधार मीडिया में मामला उछलने के बाद नगरपालिका और भाजपा नेताओं ने इसे अधिकारियों की लापरवाही करार दिया। आनन-फानन में शिलालेख को सुधरवाया गया।
नगरपालिका CMO को लगा छपास रोग…
वहां आज के कार्यक्रम में अधिकारी भी जनप्रतिनिधि के दर्ज पर दिखे शिलालेख में जग मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मंत्री अरुण साव का नाम गायब था तो सीएमओ प्रभाकर शुक्ला ने अपना ही नाम लिखवा दिया वही यह खबर लोगों तक जाते ही चर्चा का विषय बन गया की अधिकारियों को अब छपास रोग हो गए है कि शिलालेख में जनप्रतिनिधि के नाम में अधिकारी अपना नाम भी देखना चाहते है हालांकि मीडिया के दखल के बाद सीएमओ ने इससे छोटी चूक बता कर मामले को टाल दिया।
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