नई दिल्ली। चुनावी युद्ध का आगाज हो चुका है। पांच राज्यों में चुनाव के लिए तारीख तय कर दी गई है। जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम है। इन राज्यों में चुनाव के लिए तारीख के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। इन राज्यों के चुनाव नतीजे 3 दिसंबर घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने बताया कि 5 दिसंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक लगी रहेगी। इनमें वो काम होते हैं जिससे सरकार को फायदा होने की संभावना रहती है।चुनाव कराने के लिए नियमबता दें कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसे आचार संहिता कहा जाता है।
चुनाव के समय सियासी दलों और सभी प्रत्याशियों को इसका पालन करना होता है। आचार संहिता के तहत बताया जाता है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और कैंडिडेट को क्या करना है और क्या नहीं करना है।
आचार संहिता के नियम किसी कानून के जरिए नहीं, बल्कि सियासी पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आदर्श आचार संहिता के तहत चुनाव के दौरान सियासी दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी पार्टियों के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखा जाता है।आचार संहिता कब होगी खत्म?चुनाव के तारीख के ऐलान के साथ आचार संहिता लागू हो जाती है।
ये आचार संहिता चुनाव की पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहती है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज यानी 9 अक्टूबर को किया गया। ऐसे में आज आचार संहिता लागू हो गई। इन राज्यों के चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे। चुनाव आयोग बताया है कि 5 दिसंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाती है।
इन कामों पर लग जाती है रोक– चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी को नेता, मंत्री से उसकी निजी यात्रा या आवास में मिलने पर रोक लगा दी जाती है।
– सरकारी खर्चे पर किसी नेता के आवास पर किसी तरह की पार्टियों का आयोजन नहीं कराया जा सकता है। अपने खर्च पर करा सकते हैं।- वैसी योजना जिसे हरी झंडी मिल गई है, लेकिन जमीनी स्तर पर वो काम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में आचार संहिता लागू होने के बाद उस योजना पर काम शुरू नहीं कराया जा सकता है।
सत्ता में काबिज पार्टी के लिए सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन चलाने पर भी रोक होती है।- विधायक, सांसद या विधान परिषद के सदस्य आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद स्थानीय इलाके में डेवलपमेंट फंड से नई राशि जारी नहीं कर सकते हैं।- आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते। नए राशन कार्ड भी नहीं बनाए जा सकते। बीपीएल के पीले कार्ड नहीं बनाए जा सकते हैं।
– आचार संहिता लागू होने पर हथियार रखने के लिए नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बना सकते हैं।– आदर्श आचार संहिता लगने पर कोई भी नया सरकारी काम शुरू नहीं किया जा सकता है। किसी नए काम के लिए टेंडर भी जारी नहीं होंगे।
– आदर्श आचार संहिता के दौरान किसी नए काम का भी ऐलान नहीं किया जा सकता है। इस दौरान बड़ी बिल्डिंग्स को क्लियरेंस भी नहीं दी जाती है।छत्तीसगढ़ में दो चरणों में वोटिंगगौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को वोटिंग होगी। मिजोरम में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। मध्य प्रदेश में चुनाव 17 नवंबर, राजस्थान में 23 नवंबर जबकि तेलंगाना में 13 नवंबर को वोटिंग होगी। इन राज्यों के चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
... SURAJPUR NEWS सूरजपुर - हर किसी के लिए जन्मदिन एक खास दिन होता है।…
.. SURAJPUR NEWS कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी द्वारा संसद में हिंदुओं पर अपमानजनक…
... SURAJPUR NEWS छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के आह्वान पर, राजधानी…
.. SURAJPUR NEWS .... महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज मंत्रालय…
... SURAJPUR NEWS रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूरजपुर के…
SURAJPUR NEWS ... सूरजपुर जिले के विभिन्न शासकीय स्कूलों में अन्य स्कूलों से आने वाले…