ख ख सू: उगते सूर्य को व्रतियो ने दिया अर्घ्य,,सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर्व बड़े धूमधाम से हुआ समापन,,
1 min readसूरजपुर : दिवाली के साथ ही महापर्व छठ का इंतजार पूरे उत्तर भारत को रहता है. लोग काफी लंबे समय से इस त्योहार की तैयारी शुरू कर देते हैं. इस प्राचीन हिंदू वैदिक त्योहार मुख्य रूप से भारत के बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है।
छठ महापर्व को सूर्य षष्ठी, छठ, महापर्व, छठ पर्व, डाला पूजा, प्रतिहार और डाला छठ के रूप में भी जाना जाता है. चार दिनों का यह पर्व सूर्य देवता और षष्ठी देवी को समर्पित है. इस त्योहार पर महिलाएं अपने बेटों को भलाई और अपने परिवार की खुशी के लिए उपवास करती हैं और भगवान सूर्य और छठी मईया को अर्घ्य भी देती हैं.
36 घंटे का उपवास सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तोड़ा जाता है
छठ पूजा लोगों द्वारा विभिन्न रीति-रिवाजों का पालन करके मनाई जाती है. छठ पूजा के पहले दिन को कद्दू भात या नहाय खाय के नाम से जाना जाता है. इस दिन परवैतिन (मुख्य उपासक जो उपवास रखते हैं). सात्विक कद्दू भात को दाल के साथ पकाते हैं और दोपहर में देवता को भोग के रूप में परोसते हैं. छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है.
इस दिन, परवैतिन रोटी और चावल की खीर पकाते है. और इसे ”चंद्रदेव” (चंद्र देव) को भोग के रूप में परोसते हैं. छठ पूजा के तीसरे मुख्य दिन बिना पानी के पूरे दिन का उपवास रखा जाता है. दिन का मुख्य अनुष्ठान डूबते सूर्य को अर्घ्य देना है. छठ के चौथे और अंतिम दिन उगते सूर्य को दशरी अर्घ्य दिया जाता है और इसे उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है. 36 घंटे का उपवास सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तोड़ा जाता है. इस अवसर पर लोग आतिशबाजी भी करते हुए नजर आए.।
तो वही आज जगह जगह छठ घाटों में उगते सूर्य को अर्ध्य दिया गया जहा जिले के रिहन्द नदी घाट, विश्रामपुर घाट , सूर्य मंदिर भटगांव घाट समेत जिले भर में बड़े धूमधाम से छठ पर्व मनाया गया ।
तो वही समिति के लोगों ने छठ पर्व मनाने वाले लोगों के लिए जगराते का भी इंतजाम किया हुआ था वही पुलिस की टीम व्यवस्था सुधारने व लोगों के सहयोग में मौजूद थी।
सूरजपुर एसडीओपी प्रकाश सोनी, कोतवाली टीआई प्रकाश राठौर, प्रधान आरक्षक संजय सिंह, यातायात प्रभारी , व यातायात के समस्त स्टाफ मौजूद थे।