स्कूली बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए लाख दावे किए जाए, लेकिन धरातल पर स्थिति सामान्य नहीं है पढ़िए पूरी खबर…
1 min readप्रतापपुर
सूरजपुर जिले के दर्रीपार गांव के प्राथमिक स्कूल के बच्चे डर के साए में पढ़ाई करने को मजबूर हैं इस स्कूल में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है लगातार शिकायत के बावजूद संबंधित विभाग और अधिकारी कोई सार्थक पहल नहीं कर रहे हैं,, प्रदेश के शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में खौफ का स्कूल छत से झांकती जंग लगी छड़ें, कभी भी भरभरा कर गिर जाने वाली दीवारें, यह तस्वीर किसी खंडहर की नही बल्कि सुरजपुर जिले के दर्रीपारा गांव के प्राथमिक स्कूल की है,जहां 20 बच्चे पढ़ते हैं,, दरअसल यह स्कूल का यह भवन हमेशा से ऐसी जर्जर स्थिति में नही था अभी कुछ साल पहले इस गांव से महज कुछ दूरी पर SECL ने महान 3 कोयला खदान खोला है,जिसमे कोयला निकालने के लिए हैवी ब्लास्टिंग की जाती है।
जिसकी वजह से स्कूल में कंपन होता है और धीरे-धीरे यह स्कूल भवन लगभग खंडहर में तब्दील हो चला है,, ब्लास्टिंग का कंपन इतना ज्यादा होता है कि बच्चे और शिक्षक काफी डरे सहमे रहते हैं और कोई हादसा ना हो जाये इसलिए ब्लास्टिंग के समय सभी बच्चे अपने स्कूल से निकलकर खुली जगह पर बैठ जाते हैं, ब्लास्टिंग होने के बाद सभी बच्चे अपने कक्षा में बैठते हैं,,यहां के शिक्षक और बच्चों के परिजनों के द्वारा बार-बार शिकायत के बावजूद कोई भी अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नही हैं और बच्चे मौत के साये में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
जहां एक और छात्र और शिक्षक खौफ के साए में जी रहे हैं, वही SECL प्रबंधन इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है,, जबकि जिला प्रशासन भी यह मान रहा है कि यह एक गंभीर समस्या है और जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारी से बात करके इस समस्या का समाधान किया जाएगा ।
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