Teeja Tihar : मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी तीजा तिहार की बधाई
1 min readTeeja Tihar रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को हरितालिका तीजा तिहार की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से तीजहारिन माताओं और बहनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर में तीजा तिहार का महत्वपूर्ण स्थान है। यह पर्व न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के मूल्यों और पारिवारिक एकता का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ में तीज का पर्व एक समृद्ध परंपरा है जिसे बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से महिलाएं ससुराल से मायके आती हैं और पूरे रीति-रिवाजों के साथ व्रत करती हैं। तीजा पर्व के एक दिन पहले महिलाएं करूभात ग्रहण करती हैं और फिर अगले दिन निर्जला व्रत रखती हैं, जो पति की लंबी आयु और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन पर जोर देते हुए कहा कि इन पर्वों के महत्व को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार लोक पर्वों के महत्व को समझती है और इसे जन सहभागिता के साथ मनाने के प्रयास कर रही है। तीज जैसे त्यौहार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान हैं, जिन्हें सहेज कर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
महिलाओं के इस व्रत से जुड़ी मान्यताओं पर प्रकाश डालते हुए साय ने बताया कि ऐसा विश्वास है कि इस व्रत से सुहागिन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है, जबकि कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। तीजा तिहार में महिलाओं का विशेष महत्व है, और वे इस अवसर पर पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर एक-दूसरे से मिलती हैं और अपने परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं।
छत्तीसगढ़ के गांवों और शहरों में इस तीजा तिहार ( Teeja Tihar) को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। राज्य के कई हिस्सों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोक गीत, नृत्य और परंपरागत खेलों का आयोजन होता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस पावन पर्व को सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारे के साथ मनाएं और छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखें।
तीजा का महत्व: Teeja Tihar
छत्तीसगढ़ में तीजा (Teeja Tihar ) न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह महिलाओं के सामूहिक समर्पण और उनके पारिवारिक मूल्यों का उत्सव भी है। इस अवसर पर महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हैं, नृत्य करती हैं और आपस में तीज से जुड़े अनुभव साझा करती हैं। तीजहारिन माताएं और बहनें इस दिन के लिए खास तैयारी करती हैं और पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखती हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश के अंत में कहा कि प्रदेश की लोक परंपराएं और त्यौहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं, जिन्हें सहेजने और आगे बढ़ाने में सभी का योगदान जरूरी है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे तीजा तिहार को पारंपरिक उल्लास और सामूहिक भावना के साथ मनाएं।
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