देवशयनी एकादशी, लक्ष्मी का आशीर्वाद इन राशियों के लिए विशेष होगा
1 min readDevshayani Ekadashi NEWS 2024 : हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का एक विशेष स्थान है। आषाढ़ महीने में पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है। इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस बार ग्रहों के अद्भुत संयोजन के कारण कुछ राशि वालों के लिए यह दिन बहुत शुभ है।
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयन करते हैं। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान सभी शुभ कार्य रुक जाते हैं। लेकिन इस बार ग्रहों के विशेष संयोग से कुछ राशियों के लिए यह समय बहुत शुभ साबित होगा।
इन राशियों के लिए विशेष होगा यह दिन
देवशयनी एकादशी के दिन कुछ विशेष राशियों के लिए धन वर्षा का समय है। इन राशियों के लोगों को हर काम में सफलता मिलेगी। यह समय उनके लिए खुशी से भरा होगा। आइए जानते हैं वो राशियां कौन सी हैं…
1. मेष (Aries)
मेष राशि वालों के लिए यह एकादशी बहुत शुभ होगी। उन्हें व्यापार में लाभ होगा। नौकरी में प्रमोशन मिलेगा। उनके धन में वृद्धि होगी। यह समय उनके लिए नई योजनाएं बनाने का है।
2. वृषभ (Taurus)
वृषभ राशि के लोगों के लिए भी यह समय बहुत अच्छा होगा। उन्हें निवेश में लाभ होगा। परिवार में खुशहाली आएगी। वे अपने सभी कार्यों में सफल होंगे।
3. सिंह (Leo)
सिंह राशि के लोगों के लिए यह एकादशी सफलता लेकर आएगी। उन्हें करियर में तरक्की मिलेगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
4. तुला (Libra)
तुला राशि वालों के लिए यह समय धन और समृद्धि का है। उन्हें नए अवसर मिलेंगे। उनके सभी कार्य पूरे होंगे। यह समय उनके लिए सुखद अनुभव लेकर आएगा।
देवशयनी एकादशी का महत्व
देवशयनी एकादशी का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु शयन करते हैं और चार महीने तक शयनावस्था में रहते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। चातुर्मास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते।
व्रत की विधि
देवशयनी एकादशी के दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। भगवान विष्णु की पूजा करें। व्रत के दौरान अन्न का सेवन न करें। फलाहार कर सकते हैं। भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
व्रत का महत्व
देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है। व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस एकादशी की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं। इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है। चार महीने बाद, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागते हैं। इस दौरान, सभी देवता भी शयनावस्था में रहते हैं और कोई भी शुभ कार्य नहीं होता।
एकादशी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
देवशयनी एकादशी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। इस दिन व्रत और पूजा करने से मन और आत्मा की शुद्धि होती है। व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है। भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
देवशयनी एकादशी का दिन उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस वर्ष 17 जुलाई को पड़ने वाली देवशयनी एकादशी कुछ राशियों के लिए बहुत शुभ होगी। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
आइए, इस देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
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