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28th March 2024

ओड़गी, बैजनाथपुर, बेदमी, लांजित, लफरी, कुप्पा ,के जंगलों में अंधाधुंध कटाई …

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एक कुख्यात तस्कर द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी को धता बताकर डंके की चोट में कोयला तस्करी का खेल,,,,,

वन निगम वन विभाग के जंगलों में हो रहे हैं अंधाधुंध कटाई ,,जंगलों में चल रहा कोयला ,, लकड़ी तस्करी का धड़ल्ले से व्यापार

विभागीय अधिकारियों का दौरा ना करने से दलालों का जंगलों में है बोलबाला,,

ANWAR KHAN

ओड़गी

ओड़गी मुख्यालय के आस -पास अंचल के ग्राम पंचायतों में विशाल इमारत लकड़ियों धड़ल्ले से कटाई की जा रही है परंतु विभागीय अधिकारी के जंगलों में दौरा एवं निरीक्षण ना करने के कारण लकड़ी तस्करी दलालों का जंगलों में नजर पड़ गई है अंधाधुंध कटाई से जंगल पूरी तरह से खाक होती जा रही है शासन वन विभाग में लाखों-करोड़ों पर खर्च करके पौधारोपण करती है परंतु विभागीय अधिकारी कागजी कोरम पूरा करते हुए ऑफिस में ही बैठकर आराम फरमा रहे हैं । जंगलों में दलाल इतने सक्रिय हो गए हैं कि विशाल पेड़ों को भी काटकर पहले छोड़ दे रहे हैं सूखने के पश्चात थी दलाल मिस्त्री के माध्यम से चौखट बनवा कर बाइक एवं ट्रैक्टर के माध्यम से धड़ल्ले से सप्लाई कर रहे हैं परंतु विभागीय अधिकारी को इसकी भनक तक भी नहीं है जंगलों में लकड़ी तस्करी काफी सक्रिय है
तस्करों के द्वारा जंगल के अंदर में घुसकर सरई, सागौन, जैसे पेड़ों को काटकर कुछ दिनों के लिए जंगल में ही छोड़ देते हैं जैसे ही लकड़ी सूखने के कगार में होती है मिस्त्री के माध्यम से पेड़ों को आपने उपयोगी के लिए काम में लगा देते हैं इसके बाद रात के अंधेरों के माध्यम से बिहारपुर के होते हुए मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में धड़ल्ले से सप्लाई की जाती है परंतु आज तक इतने बड़े तस्करों के बारे में आज तक विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं लगी है ।
दूरस्थ अंचल के जंगल में वन विभाग कर रहा है करोड़ों खर्च
वन विभाग के द्वारा छतरंग, पाल केवरा, बनगांव, जैसे क्षेत्रों में विभाग के द्वारा करोड़ों लाखों रुपए खर्च करके पौधा लगाया जा रहा है परंतु क्षेत्र के विभागीय अधिकारियों के दौरा एवं निरीक्षण ना करने के कारण पूरी तरह से पौधा नष्ट होती दिख रही है ।
जंगलों में लग रही आग बुझाने वाला कोई नहीं एक और जहां दलाल तो सक्रिय है वही महुआ के सीजन में लोगों के द्वारा जंगलों में आग लगा दी जा रही है परंतु उसे बुझाने वाला कोई भी जंगल का सिपाही मौजूद नहीं होता है जिसके कारण आसानी से आग पूरी तरह से जंगलों में कई दिनों तक जल रहे हैं परंतु इस और भी विभागीय अधिकारियों को किसी भी प्रकार का भनक नहीं है ।

मध्यप्रदेश जैसे क्षेत्रों में हो रहा है सप्लाई ।
लकड़ी की कटाई क्षेत्रों में वर्षों से चली आ रही है एक और ओड़गी मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि खर्रा, मसनकी, कुप्पा, लाजीत, बिदमी, मैं भी धड़ल्ले से लकड़ी तस्करों के द्वारा लकड़ी कटाई करके बेचा जा रहा है परंतु विभागीय अधिकारी आज तक किसी प्रकार का करवाही नहीं किए हैं जिससे लकड़ी तस्करों का मनोबल दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और जंगल खाक होते जा रहे हैं ।
वन निगम के क्षेत्रों में भी देखो कटाई वन विभाग के बहुत से छेत्र वन निगम को दे दिया गया है ।
परंतु वन निगम के अधिकारी का क्षेत्रों में सक्रियता ना होने के कारण लकड़ी तस्करों का मनोबल ऊंचा है । तो वही कई जगह यह भी बात आती है की विभागीय अधिकारियों को ही समझ नहीं रहता है कि वन निगम का क्षेत्र कौन सा है और वन विभाग का क्षेत्र कौन सा है जिसके कारण निरीक्षण करने में भी कोताही बरती जा रही है ।

तो वहीं कुद्दरगढ़ वन परिक्षेत्र अंर्तगत ग्राम पंचायत धरसेंड़ी में एक कुख्यात तस्कर द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी को धता बताकर डंके की चोट में कोयला तस्करी का खेल लम्बे समय से खेला जा रहा है, वहां जिला प्रशासन और वन विभाग का अमला का जाने में ना जाने क्युं कदम लड़खड़ाहट रहा है, खैर वजह किसी से छुपी नहीं है। अभी चार रोज पहले धरसेंड़ी में एक नगर सैनिक और एक आरक्षक द्वारा दो पिकप कोयला पकड़ा गया था, परंतु इस बात की जानकारी ना तो कुद्दरगढ़ चौकी प्रभारी को है ना ही ओड़गी के थाना प्रभारी को मामला रास्ते में ही रफा दफा हो गया।
क्या कहते हैं इस संबंध में अधिकारी

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एक कुख्यात तस्कर द्वारा वन परिक्षेत्र अधिकारी को धता बताकर डंके की चोट में कोयला तस्करी का खेल,,,,,वन निगम वन विभाग के जंगलों में हो रहे हैं अंधाधुंध कटाई ,,जंगलों में चल रहा कोयला ,, लकड़ी तस्करी का धड़ल्ले से व्यापारविभागीय अधिकारियों का दौरा ना करने से दलालों का जंगलों में है बोलबाला,,ANWAR KHANओड़गीओड़गी मुख्यालय के आस -पास अंचल के ग्राम पंचायतों में विशाल इमारत लकड़ियों धड़ल्ले से कटाई की जा रही है परंतु विभागीय अधिकारी के जंगलों में दौरा एवं निरीक्षण ना करने के कारण लकड़ी तस्करी दलालों का जंगलों में नजर पड़ गई है अंधाधुंध कटाई से जंगल पूरी तरह से खाक होती जा रही है शासन वन विभाग में लाखों-करोड़ों पर खर्च करके पौधारोपण करती है परंतु विभागीय अधिकारी कागजी कोरम पूरा करते हुए ऑफिस में ही बैठकर आराम फरमा रहे हैं । जंगलों में दलाल इतने सक्रिय हो गए हैं कि विशाल पेड़ों को भी काटकर पहले छोड़ दे रहे हैं सूखने के पश्चात थी दलाल मिस्त्री के माध्यम से चौखट बनवा कर बाइक एवं ट्रैक्टर के माध्यम से धड़ल्ले से सप्लाई कर रहे हैं परंतु विभागीय अधिकारी को इसकी भनक तक भी नहीं है जंगलों में लकड़ी तस्करी काफी सक्रिय हैतस्करों के द्वारा जंगल के अंदर में घुसकर सरई, सागौन, जैसे पेड़ों को काटकर कुछ दिनों के लिए जंगल में ही छोड़ देते हैं जैसे ही लकड़ी सूखने के कगार में होती है मिस्त्री के माध्यम से पेड़ों को आपने उपयोगी के लिए काम में लगा देते हैं इसके बाद रात के अंधेरों के माध्यम से बिहारपुर के होते हुए मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में धड़ल्ले से सप्लाई की जाती है परंतु आज तक इतने बड़े तस्करों के बारे में आज तक विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं लगी है ।दूरस्थ अंचल के जंगल में वन विभाग कर रहा है करोड़ों खर्चवन विभाग के द्वारा छतरंग, पाल केवरा, बनगांव, जैसे क्षेत्रों में विभाग के द्वारा करोड़ों लाखों रुपए खर्च करके पौधा लगाया जा रहा है परंतु क्षेत्र के विभागीय अधिकारियों के दौरा एवं निरीक्षण ना करने के कारण पूरी तरह से पौधा नष्ट होती दिख रही है ।जंगलों में लग रही आग बुझाने वाला कोई नहीं एक और जहां दलाल तो सक्रिय है वही महुआ के सीजन में लोगों के द्वारा जंगलों में आग लगा दी जा रही है परंतु उसे बुझाने वाला कोई भी जंगल का सिपाही मौजूद नहीं होता है जिसके कारण आसानी से आग पूरी तरह से जंगलों में कई दिनों तक जल रहे हैं परंतु इस और भी विभागीय अधिकारियों को किसी भी प्रकार का भनक नहीं है ।मध्यप्रदेश जैसे क्षेत्रों में हो रहा है सप्लाई ।लकड़ी की कटाई क्षेत्रों में वर्षों से चली आ रही है एक और ओड़गी मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि खर्रा, मसनकी, कुप्पा, लाजीत, बिदमी, मैं भी धड़ल्ले से लकड़ी तस्करों के द्वारा लकड़ी कटाई करके बेचा जा रहा है परंतु विभागीय अधिकारी आज तक किसी प्रकार का करवाही नहीं किए हैं जिससे लकड़ी तस्करों का मनोबल दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और जंगल खाक होते जा रहे हैं ।वन निगम के क्षेत्रों में भी देखो कटाई वन विभाग के बहुत से छेत्र वन निगम को दे दिया गया है ।परंतु वन निगम के अधिकारी का क्षेत्रों में सक्रियता ना होने के कारण लकड़ी तस्करों का मनोबल ऊंचा है । तो वही कई जगह यह भी बात आती है की विभागीय अधिकारियों को ही समझ नहीं रहता है कि वन निगम का क्षेत्र कौन सा है और वन विभाग का क्षेत्र कौन सा है जिसके कारण निरीक्षण करने में भी कोताही बरती जा रही है ।About Post Author AMIR PATHAN IN Editor Chief

आपके द्वारा जानकारी दी गई है विभाग के रेंजर को भेजकर जल्द ही निरीक्षण करवाता हूं क्षेत्र का जल्दी बड़ी कार्रवाई की जाएगी । –डीपी साहू (डीएफओ सूरजपुर)

इस संबंध में हमारे प्रतिनिधि द्वारा कुदरगढ़ रेंजर से जानकारी चाही गई तो फोन उठाकर जैसे ही जानकारी सुने अपना मोबाइल आउट ऑफ कवरेज कर दिए ।

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